न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और विजडन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर रह चुके जॉन रीड की 92 साल की आयु में मृत्यु हो गई। न्यूजीलैंड का यह पूर्व कप्तान लम्बे समय से कॉलन कैंसर से जूझ रहा था। जॉन रीड को न्यूजीलैंड के शानदार खिलाड़ियों में माना जाता था और 1956 में ऑकलैंड में इनकी कप्तानी में न्यूजीलैंड ने पहला टेस्ट जीता था इसलिए उन्हें ज्यादा जाना जाता है। उस टेस्ट की पहली पारी में न्यूजीलैंड के लिए जॉन ने 84 रन बनाने के अलावा एक विकेट भी हासिल किया था।
जॉन रीड ने अपने टेस्ट करियर में कुल 58 मुकाबले खेले और 34 में उन्होंने कप्तानी की। वह हार्ड हिटिंग मध्यक्रम के बल्लेबाज थे और मीडियम पेस गेंदबाजी भी किया करते थे। 1949 में मैनचेस्टर टेस्ट से उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और 1965 तक खेले। उन्होंने करियर में 3438 रन बनाए। करियर में उनके बल्ले से छह शतक आए। 1961 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में उन्होंने 142 रन की पारी खेली और यह उनका उच्चतम स्कोर था।
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न्यूजीलैंड को दक्षिण अफ्रीका में दिलाई जीत
जॉन रीड ने अपने करियर में 85 विकेट हासिल किये थे और 1949 के इंग्लैंड दौरे के अंतिम मैच में उन्होंने विकेट हासिल किये थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपनी कप्तानी में उन्होंने ड्रॉ सीरीज में दो मैच न्यूजीलैंड की टीम को जिताए थे। यह 1961 की बात है। इंग्लैंड के खिलाफ 1965 में उन्होंने शेष विश्व की टीम का नेतृत्व भी दो मैचों के लिए किया था। उनकी कप्तानी की कला को देखते हुए ही यह जिम्मेदारी मिली।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जॉन रीड आईसीसी के मैच रेफरी बने। इसके अलावा वह नेशनल सिलेक्टर और टीम मैनेजर भी रहे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 246 मुकाबले खेले और 16 हजार से ज्यादा रन बनाने के अलावा 466 विकेट भी हासिल किये।