भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और अब बीसीसीआई प्रेसिडेंट सौरव गांगुली को लेकर आईपीएल में पुणे वॉरियर्स इंडिया के पूर्व डायरेक्टर का बड़ा बयान आया है। उन्होंने बताया कि पुणे की टीम ने किस तरह सौरव गांगुली को साइन किया था।
स्पोर्ट्सकीड़ा के फेसबुक पेज पर इंद्रानिल बसु के साथ एक्सक्लूसिव चैट में पुणे वॉरियर्स इंडिया के पूर्व डायरेक्टर अभिजीत सरकार ने सौरव गांगुली को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि पुणे की टीम पहले युवराज सिंह को कप्तान बनाने वाली थी लेकिन उस वक्त युवराज बीमार थे और इसीलिए दूसरे विकल्प की तरफ देखना पड़ा।
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उन्होंने कहा " युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप में जबरदस्त प्रदर्शन करके आए थे और अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी। साल के आखिर तक हमें पता चला कि उन्हें इतनी गंभीर बीमारी है। हमने युवराज को अगले 3 साल के लिए कप्तान चुना था। हमने रॉबिन उथप्पा, एंजेलो मैथ्यूज और स्टीव स्मिथ जैसे प्लेयर्स को भी अपनी टीम में शामिल किया था। सौरव गांगुली मुझसे लगातार कह रहे थे कि अभी उनके अंदर काफी क्रिकेट बची हुई है। सौरव से अच्छा टीम को कौन एकजुट कर सकता है। हमने उनको कप्तान बनाने के बारे में सोचा जो आगे चलकर कोच भी बनते।"
आपको बता दें कि इससे पहले केकेआर के सीईओ वेंकी मैसूर ने बड़ा खुलासा किया था और कहा था कि गांगुली के केकेआर से जाने की वजह वो ही थे। वेंकी मैसूर ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से यह फैसला लेना मेरे लिए मुश्किल नहीं था क्योंकि मेरा कोई जुड़ाव नहीं था। मैं टीम से एक या दो साल से जुड़ा हुआ होता, तो यह मुश्किल हो सकता था।
सौरव गांगुली 2010 के आईपीएल सीजन तक केकेआर का हिस्सा थे
सौरव गांगुली को 2010 के आईपीएल सीजन के बाद केकेआर की कप्तानी से हटाने के अलावा टीम में रिटेन ही नहीं किया गया था। उनके स्थान पर गौतम गंभीर को लाकर टीम का कप्तान बना दिया गया था। इसके बाद सौरव गांगुली पुणे वॉरियर्स इंडिया की टीम में चले गए।
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