Glenn Maxwell on Relationship with Virender Sehwag: ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने आईपीएल में पंजाब किंग्स के लिए 5 सीजन खेले हैं। वह पहली बार इस टीम का हिस्सा 2014 में बने थे और IPL 2017 के बाद, मैक्सवेल इस फ्रेंचाइजी से अलग हो गए थे। इस दौरान उनकी पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के साथ काफी कम यादें हैं। इसी बीच मैक्सवेल ने सहवाग को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। बता दें कि 2017 में जब मैक्सवेल पंजाब किंग्स (पहले किंग्स XI पंजाब) के कप्तान थे, तो उसी दौरान सहवाग ने मेंटर की भूमिका निभाई थी।
मैक्सवेल का कहना है कि सहवाग ने पूरे सीजन के दौरान अपनी मनमानी की थी। प्लेइंग 11 चुनने के समय वो दूसरे किसी स्टाफ मेंबर से सलाह लेना पसंद नहीं करते थे। सीजन के दौरान टीम प्लेऑफ में पहुंचने से नाकाम रही थी और सहवाग ने इसका जिम्मेदार विदेशी खिलाड़ियों को बताया था। सहवाग के इस रवैये से मैक्सवेल की भावनाएं आहत हुईं थी और सीजन के बाद वो सहवाग के फैन नहीं थे।
'The Showman' में ग्लेन मैक्सवेल ने वीरेंद्र सहवाग की खोली पोल!
ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी किताब 'द शोमैन' में पंजाब किंग्स की कप्तानी करने के अपने अनुभव को शेयर किया है। मैक्सवेल ने लिखा है कि 2017 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के दौरान सहवाग से उनकी मुलाकात हुई थी। उसी दौरान सहवाग ने मैक्सवेल को बताया था कि उन्हें पंजाब की कप्तानी मिलेगी।
मैक्सवेल ने आगे कहा, 'मैं गलत था। हमारे कोच जे अरुणकुमार जब सीजन के लिए आए, तो मुझे पता चला कि वे सिर्फ नाम के कोच थे। सभी फैसले सहवाग लेते थे। सीजन के पहले दो मैचों के बाद ही ड्रेसिंग रूम पूरी तरह से डिस्टर्ब हो गया था। कोच और खिलाड़ी मेरे पास आते थे और पूछते थे कि ये सब क्या चल रहा है और मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता था।'
मैक्सवेल के मुताबिक, सहवाग हर फैसला खुद लेना पसंद करते थे और उनके सामने किसी की नहीं चलती थी। फ्रेंचाइजी टीम के सभी कोच को लेकर व्हाट्सप्प पर एक ग्रुप बनाना चाहती थी, लेकिन सहवाग को ये फैसला भी सही नहीं लगा था। मेंटर होने के नाते वो कई ऐसे फैसले ले लिया करते थे, जिनका कोई मतलब नहीं होता था। तय प्लेइंग 11 को वो मैच शुरू होने से पहले बदल दिया करते थे।
तुम्हारे जैसा फैन नहीं चाहिए- वीरेंद्र सहवाग
मालूम हो कि IPL 2014 में पंजाब किंग्स प्लेऑफ में पहुंचने से सिर्फ एक जीत से चूक गई थी। मैक्सवेल का बल्ले से प्रदर्शन अच्छा रहा था और उन्होंने 300 से अधिक रन बनाए थे। टीम के आखिरी मैच के बाद, मैक्सवेल प्रेस कांफ्रेंस को अटेंड करना चाहते थे, लेकिन सहवाग ने यहां भी अपनी मनमानी की और उन्हें जाने से मना कर दिया था। सहवाग खुद कांफ्रेंस में जाना चाहते थे। मैक्सवेल के मुताबिक,
मैंने उस रात मीडिया से बात करने के लिए खुद को तैयार किया, लेकिन सहवाग ने कहा कि वह कांफ्रेस में जाएंगे। टीम बस में चढ़ने पर, मैंने जाना कि मुझे मुख्य व्हाट्सएप ग्रुप से हटा दिया गया था। यहां क्या हो रहा था? जब तक हम होटल पहुंचे, तब तक मेरा फोन बजने लगा था। सहवाग ने मुझ पर "बड़ी निराशा" का आरोप लगाया था, कप्तान के रूप में जिम्मेदारी नहीं लेने और बाकी सब के लिए मुझे दोषी ठहराया था। यह सही नहीं था, खासकर तब जब मुझे लगा कि हम अच्छे संबंधों के साथ अलग हुए थे। मैंने उन्हें मैसेज करके बताया कि उन कमेंट्स को पढ़कर उन्हें कितना दुख हुआ और साथ ही यह भी कहा कि जिस तरह से उन्होंने खुद को संभाला, उन कारणों की वजह से उन्होंने मेरे रूप में एक फैन खो दिया है। इस पर सहवाग ने जवाब में लिखा था कि तुम्हारे जैसे फैन की जरूरत नहीं। हमने फिर कभी बात नहीं की।