ग्लेन मैक्ग्रा ने 2005 एशेज के दौरान लगी चोट को किया याद, अचानक होना पड़ा था बाहर 

लॉर्ड्स में पांच विकेट लेने के बाद ग्लेन मैक्ग्रा (इमेज क्रेडिट - ट्विटर)
लॉर्ड्स में पांच विकेट लेने के बाद ग्लेन मैक्ग्रा (इमेज क्रेडिट - ट्विटर)

ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के पूर्व दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा (Glenn McGrath) ने 2005 में एशेज सीरीज के दौरान लगी एक गंभीर चोट के बारे में खुलकर बात की है। दाएं हाथ के दिग्गज तेज गेंदबाज ने खुलासा किया कि वह रग्बी गेंद को उठाने की कोशिश करते हुए क्रिकेट की गेंद पर चढ़ गए थे।

बीबीसी स्पोर्ट्स से बातचीत करते हुए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने अपनी उस चोट के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया,

"हमने पिच को देखा और चारों ओर खड़े होकर बातें कर रहे थे। ब्रैड हैडिन ने रग्बी लीग की एक गेंद उठाई और हम उसे आगे-पीछे कर रहे थे। उसने खुद को रेट किया, लेकिन एक बेकार पास फेंका जो आधे रास्ते में रह गया और जमीन पर लुढ़क गया। मैं गेंद लेने के लिए मुड़ा, लेकिन मैंने वहां रखी क्रिकेट की गेंद को नहीं देखा, जो वार्म-अप शुरू करने के लिए बाहर रखी गई थी। मेरा पहला कदम गेंद पर था। मुझे अब याद नहीं है, लेकिन मुझे उसका अहसास याद है। इसमें सोचने के लिए यह है कि अगर हम दैनिक दिनचर्या पर अडिग रहते तो शायद वैसा नहीं होता। क्रिकेटर्स के लिए दैनिक दिनचर्या काफी महत्वपूर्ण होती है, लेकिन हमने अपने उस मैच में दैनिक दिनचर्या बदल दी थी।"

मैक्ग्रा ने लॉर्ड्स में खेले गए उस सीरीज के पहले टेस्ट में नौ विकेट लेकर इंग्लैंड को हारने पर मजबूर कर दिया था और ऑस्ट्रेलिया ने 239 रन से जीत दर्ज की थी। हालांकि, दूसरे टेस्ट मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया तेज गेंदबाजी के मुखिया मैक्ग्रा के टखने में चोट लग गई और उन्हें उस मैच से बाहर होना पड़ा। उस सीरीज के बाद उन्हें कोहनी की समस्या का भी सामना करना पड़ा था। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाज ने आगे कहा,

"बाहर बैठकर मैच देखना काफी मुश्किल था। हमने ज्यादा कुछ नहीं खोया लेकिन मैं हमेशा सोचता हूं कि मैं टीम पर कैसा सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकता था। वह गेंदबाजी का ज्यादा प्रभाव नहीं होता, बल्कि विरोधियों पर मानसिक स्तर का भी प्रभाव पड़ता है।"
"मैं अचानक खेल से बाहर हो गया। मैंने लॉर्ड्स में अच्छी गेंदबाजी की थी, और फिर मैं बाहर था। इससे विपक्षी टीम को एक हौसला मिला, जो नहीं मिलना चाहिए था। अगर हमें वे आखिरी तीन रन मिल गए होते, तो वो सीरीज वहीं खत्म हो गई होती, और इंग्लैंड का आत्मविश्वास टूट गया होता।"

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