'हम आज जो कुछ भी हैं, अपने पिता के संघर्ष के कारण हैं'

पिछले साल कोरोना वायरस के कारण हुआ लॉक डाउन कई लोगों के लिए अलग-अलग चीजें लेकर आया और क्रिकेटर भी इससे अलग नहीं रहे। हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) और क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) को भी सोशल मीडिया पर अलग-अलग चीजें करते हुए देखा जाता था। हार्दिक पांड्या ने कहा है कि पिछले साल का लॉकडाउन हम दोनों भाइयों के लिए सुधार का चरण था।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक पॉडकास्ट में हार्दिक पांड्या ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन ने हम दोनों भाइयों को ओवरऑल व्यक्तिगत रूप से सुधार करने में मदद की। हम फिटनेस और कौशल पर काम करने में समर्थ रहे और भगवान की कृपा से हमारे पास समय था। जिम में हम वर्कआउट भी कर पाते थे। हमने एक-दूसरे के साथ काफी समय बिताया। एक-दूसरे के प्रति हम काफी ईमानदार रहे। अगर क्रुणाल कुछ गलत करता, तो मैं बता देता और मेरी गलती पर क्रुणाल मुझे बता देता था।

हार्दिक पांड्या का बयान

हार्दिक पांड्या ने यह भी कहा कि हमारे लिए यह चरण सुधार करने का था और हमारे लक्ष्यों ने जीवन को बदल दिया। हमारे पास क्रिकेट से लेकर जीवन के बारे में बात करने के लिए काफी कुछ होता था। हमने इंसान के रूप में काफी इम्प्रूव किया और लॉकडाउन ने हमें ईमानदार बना दिया।

पांड्या ब्रदर्स ने अपने पिता का जिक्र भी किया जिन्होंने उनको क्रिकेट में लाने के लिए काफी मदद की। दोनों भाइयों ने कहा कि हम जो कुछ भी आज हैं, वह अपने पिता के संघर्ष और नजरिये के कारण हैं। क्रुणाल पांड्या ने कहा कि जब मैं 6 साल का था और हार्दिक 3-4 साल का था तब हमने कभी नहीं सोचा था कि देश के लिए क्रिकेट खेलेंगे। यह उनका नजरिया था और उन्होंने कहा कि बच्चे इंडिया के लिए खेलेंगे।

उल्लेखनीय है कि पांड्या ब्रदर्स को लॉकडाउन के दौरान अपने पिता के साथ भी समय बिताते हुए देखा गया था। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो सामने आए थे।

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