पाकिस्तान टीम (Pakistan Cricket Team) के तेज गेंदबाज हसन अली (Hasan Ali) ने उन ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है जो अग्रेंजी नहीं बोल पाने के लिए पाकिस्तानी टीम का मजाक उड़ाते हैं। हसन अली के मुताबिक सोसायटी ने एक दबाव डाल दिया है कि इंग्लिश में बात करनी ही है, जबकि ये हमारी पहली लैंग्वेज नहीं है। हसन अली ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े फुटबॉलर्स अपनी भाषा में बात करते हैं तो फिर क्रिकेटर्स पर इंग्लिश में बोलने का दबाव क्यों डाला जाता है।
दरअसल पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम को कई बार इसलिए ट्रोल किया जाता है कि वो सही तरह से इंग्लिश नहीं बोल पाते हैं। इसके अलावा उमर अकमल का भी कई बार इसी वजह से मजाक उड़ाया गया। हसन अली से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिस खिलाड़ी को जो लैंग्वेज सही से आती हो उसमें ही बात करना चाहिए।
इंग्लिश को लेकर ट्रोल करना गलत है - हसन अली
हसन अली के मुताबिक कोई जरूरी नहीं है कि इंग्लिश में ही बात की जाए। उन्होंने पाकिस्तान के समा टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान कहा,
हमारी सोसायटी ने इस तरह का प्रेशर बनाया हुआ है कि इंग्लिश बोलना ही है, जो सही नहीं है। अगर किसी को इंग्लिश नहीं आती है तो इसमें उसका कोई कसूर नहीं है। मेरी तो इंग्लिश तीसरी लैंग्वेज है, पहले दो तो पंजाबी और उर्दू हैं। सबसे बड़ा उदाहरण ये है कि जितने भी फुटबॉलर हैं वो सब अपने देश की लैंग्वेज में बात करते हैं और उनके लिए ट्रांसलेटर मौजूद होता है। उनके पास तो हमसे ज्यादा पैसा और ग्लैमर होता है। बाबर आजम और उमर अकमल को ट्रोल करना गलत है। अगर आपको इंग्लिश नहीं आती है तो फिर आप बोल दीजिए कि आपको नहीं आती है। इसमें कोई शर्म वाली बात थोड़ी ही है।