पूर्व दिग्गज क्रिकेटर इरफान पठान ने एक बार फिर भारतीय टीम से खुद को बाहर किए जाने को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। इरफान पठान ने कहा है कि वो वनडे में भारत के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर बन सकते थे लेकिन उन्हें साइडलाइन कर दिया गया। इरफान पठान ने बताया कि किस वजह से उनके प्रदर्शन में गिरावट आई।
इरफान पठान ने रेडिफ डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि मैं अपने करियर में काफी ज्यादा अचीवमेंट्स हासिल कर सकता था। मेरा मानना है कि मैं वनडे क्रिकेट में भारत का सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर बन सकता था। मेरे अंदर वो काबिलियत थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि जितना क्रिकेट खेलना चाहिए था उतना मैंने नहीं खेला। जब मैंने भारतीय टीम के लिए अपना आखिरी मुकाबला खेला तो उस वक्त मेरी उम्र सिर्फ 27 साल थी।
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इरफान पठान ने आगे कहा कि अगर आप 35 साल की उम्र तक खेलते हैं तो फिर चीजें अलग हो जाती हैं। लेकिन अब इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि सारी चीजें अब हो चुकी हैं। जितने भी मैच मैंने खेले, उसमें एक मैच विनर की तरह खेला। मैंने उस खिलाड़ी की तरह खेला जो टीम पर अपना इम्पैक्ट डालता था। इरफान पठान ने कहा कि यहां तक कि अगर मैं सिर्फ एक ही विकेट लेता था तो भी वो मैच का पहला विकेट होता था। उससे काफी ज्याद फर्क पड़ता था।
इरफान पठान ने कहा कि मेरा साथ नहीं दिया गया
इरफान पठान ने कहा कि लोगों को उन्हें साइडलाइन नहीं करना चाहिए था, बल्कि उनका साथ देना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर आप पहले 59 वनडे मैचों को उठाकर देखें तो उसमें मैंने नई गेंद से गेंदबाजी की। जब आप नई गेंद से बॉलिंग करते हैं तो फिर आपको नई और पुरानी दोनों गेंद से गेंदबाजी का मौका मिलता है। उससे आपका माइंडसेट काफी कुछ बदल जाता है, आप सिर्फ विकेट लेने के बारे में सोचते हैं। लेकिन जब आपको एक बदलाव के बाद गेंदबाजी पर लाया जाता है तो फिर आपका रोल चेंज हो जाता है और आप डिफेंसिव हो जाते हैं।
इरफान पठान ने कहा कि मेरे हिसाब से टीम में लोगों को इस बारे में बोलना चाहिए था। उन्हें कहना चाहिए था कि इरफान नई गेंद से विकेट चटकाता था लेकिन अब हमने उसे एक अलग रोल दे दिया है। हम उसे बदलाव के बाद गेंदबाजी पर लाते हैं।
इरफान के मुताबिक जब उन्होंने भारतीय टीम में वापसी की तो नई गेंद से एक बार फिर विकेट चटकाया। यहां तक कि अपने आखिरी मैच में भी 5 विकेट लिया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि वो सिर्फ नई गेंद से ही विकेट ले सकते थे, वो पुरानी गेंद से भी गेंदबाजी कर सकते थे। लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है और जब इसमें आपका रोल बदलता है तो उससे फिर आपके आंकड़ों पर भी काफी फर्क पड़ता है।