भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के दिग्गज खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने अपने क्रिकेट करियर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि कितने संघर्ष के बाद उन्हें भारत की तरफ से खेलने का मौका मिला। हार्दिक पांड्या के मुताबिक अपना टैलेंट दिखाने के लिए वो हर एक टूर्नामेंट में जाते थे और इसी तरह एक-एक सीढ़ी चढ़कर उन्होंने भारत की तरफ से खेलने का अपना सपना पूरा किया।
मुझे अपने पिता के सपने को पूरा करना था - हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या ने बताया कि किस तरह से वो गुजरात के लोकल टूर्नामेंट्स में खेलने के लिए जाया करते थे। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को भी दिया। ड्रीम इलेवन के इंस्टाग्राम पेज पर अपलोड किए गए वीडियो में उन्होंने कहा,
मेरे पिता को मेरी क्षमताओं पर पूरा भरोसा था। यही वजह थी कि उन्होंने मुझे कभी भी क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। उन्होंने जो किया वैसा कोई पिता नहीं कर पाएगा। सूरत में सब-कुछ बंद करके वो वड़ोदरा शिफ्ट हो गए। हम यहां पर इसलिए शिफ्ट हुए क्योंकि युवा क्रिकेटरों के लिए यहां पर काफी ज्यादा मौके थे। डैड ने मेरे लिए एक बड़ा कदम उठाया था और मुझे उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना था। अपना टैलेंट दिखाने के लिए मैंने हर एक लोकल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। जो खिलाड़ी आखिर तक नॉट आउट रहता था उसे ईनाम मिलता था और मैंने हमेशा इस ईनाम को जीता। इन छोटी-छोटी सफलताओं से मुझे भारत के लिए खेलने के बड़े सपने को पूरा करने का हौंसला मिला। जिस दिन मैंने अपना इंडिया डेब्यू किया उस दिन मुझे लगा कि मैंने अपने पिता के त्याग को सार्थक कर दिया है।
आपको बता दें कि हार्दिक पांड्या इस वक्त भारतीय टीम का एक अहम हिस्सा बन चुके हैं। वो अकेले दम पर किसी भी मैच में टीम को जीत दिला सकते हैं।