वेस्टइंडीज (West Indies) के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग (Michael Holding) ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर वो इंग्लैंड में पले-बढ़े होते तो शायद अभी तक जिंदा नहीं होते। माइकल होल्डिंग ने ये बयान इंग्लैंड में नस्लीय भेदभाव को लेकर दिया है।
अमेरिका में जॉर्ज फ्लायड की मौत के बाद से ही माइकल होल्डिंग ने नस्लभेद के खिलाफ खुलकर अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने कई मौकों पर इसको लेकर बयान दिया है। कुछ ही हफ्ते पहले उन्होंने कहा था कि नस्लभेद को रोकने के लिए इंग्लैंड ज्यादा प्रयास नहीं कर रहा है।
ये भी पढ़ें: दक्षिण अफ्रीका ने वेस्टइंडीज को बुरी तरह हराया, दिग्गज गेंदबाज ने हैट्रिक लेकर रचा इतिहास
माइकल होल्डिंग के मुताबिक उनके उग्र स्वभाव की वजह से उन्हें दिक्कतें आ सकती थीं
द टेलीग्राफ से बातचीत में माइकल होल्डिंग ने कहा कि जब वो युवा थे तो काफी गुस्सैल थे और इसी वजह से अगर वो इंग्लैंड में रह होते तो उनकी जान भी जा सकती थी। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं लगता है कि मैं अभी तक जिंदा होता। मैं युवावस्था में काफी गुस्सैल स्वभाव का था। 1980 में न्यूजीलैंड में मैंने स्टंप को ग्राउंड से बाहर उठाकर फेंक दिया था। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो कुछ इबोनी के साथ हुआ वह मेरे साथ होता तो क्या होता? नहीं, मैं जिंदा नहीं बच पाता।
आपको बता दें कि इबोनी रेनफोर्ड ब्रेंट इंग्लैंड के लिए खेलने वाली पहली अश्वेत महिला थीं। वो 2009 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थीं।
होल्डिंग ने आगे कहा कि जमैका में बड़े होने के दौरान उन्होंने रेसिज्म महसूस नहीं किया। जब भी उन्होंने जमैका छोड़ा तो यह महसूस हुआ।
ये भी पढ़ें: वेस्टइंडीज दौरे के लिए पाकिस्तान की प्रमुख टीम का ऐलान, दो टीमें एक ही दिन खेलेंगी मैच