अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के प्रमुख क्यूरेटर एंडी एटकिंसन ने 2023 वनडे विश्व कप में पिच तैयार करने वाले मैदानों के क्यूरेटर्स को सूचित किया है कि जितना संभव हो सके उतना पिच से मिलने वाले घरेलू फायदों को कम किया जाए। विश्व कप 2023 का आयोजन 5 अक्टूबर से 19 नवंबर तक भारत में होने वाला है।
ऐसे में आईसीसी का कहना है कि भारतीय पिचों से मिलने वाले घरेलू फायदों को कम किया जाए, ताकि घरेलू टीम यानी भारत को इसका अतिरिक्त फायदा ना मिल सके। आपको बता दें कि भारत की पिच आमतौर पर फ्लैट होती हैं, जिसपर स्पिनर्स को थोड़ी मदद मिलती है। अब देखना होगा कि इस बार के वर्ल्ड कप में किस तरह की पिचें तैयार की जाती हैं।
आईसीसी ने भारतीय पिच क्यूरेटर्स को दिए निर्देश
दरअसल, पिच को लेकर हाल ही में मुंबई में आयोजित एक मीटिंग में आईसीसी के हेड क्यूरेटर ने सभी मैदानों के क्यूरेटर्स को निर्देश दिया कि अभ्यास मैच समेत सभी मैचों के लिए ऐसी पिच तैयार करें कि दोनों टीमों के बीच एक अच्छा मैच देखने को मिले। इस मीटिंग में मौजूद बीसीसीआई के एक सूत्र ने द टेलीग्राफ को बताया,
"आईसीसी के मुख्य क्यूरेटर ने कहा कि क्यूरेटर को यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि जब पिच की तैयारी की बात हो तो घरेलू टीम उन पर दबाव न डाले। उनका ध्यान एक ऐसी विकेट को तैयार करने में होना चाहिए, जो खेल के लिए अच्छी हो और घरेलू टीम के पक्ष में ना हो।"
सूत्र ने आगे बताया,
"विकेट अलग-अलग होंगे क्योंकि मिट्टी की प्रकृति हर जगह एक जैसी नहीं होती है। लेकिन वह ऐसे ट्रैक चाहते हैं जिनपर अंत तक मैच हो सके और अच्छी क्रिकेट देखने को मिले।"
आईसीसी भारतीय पिचों पर इतना ध्यान इसलिए दे रहा है क्योंकि इस साल की शुरुआत में भारत में हुए टेस्ट मैचों में पिच अच्छी नहीं थी। आईसीसी ने भारत की पिचों को अच्छी रेटिंग नहीं दी थी, क्योंकि लगभग मैच 2-3 दिन में भी खत्म हो रहे थे।
वहीं, लखनऊ के इकाना स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच एक टी20 मैच के लिए इस्तेमाल की गई पिच की भी काफी आलोचना की गई थी। ऐसे में आईसीसी विश्व कप के लिए भारत के हर मैदान की पिच पर एक अच्छा और प्रतिस्पर्धी मैच देखना चाहती है।