जिसका डर था वही हुआ, रावलपिंडी टेस्ट की पिच पर आईसीसी ने की बड़ी कार्रवाई

पिच में गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं था
पिच में गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं था

रावलपिंडी में पाकिस्तान (Pakistan) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच हुए पहले टेस्ट मैच की पिच पर आईसीसी ने कड़ी कार्रवाई की है। आईसीसी मैच रेफरी रंजन मदुगले ने इस पिच को औसत से निचला दर्जा दिया है। आईसीसी की पिच और आउटफील्ड निगरानी प्रक्रिया के बाद एक डीमेरिट अंक भी दिया गया है।

ऑस्ट्रेलिया की टीम 24 साल बाद पाकिस्तान दौरे पर आई है और पहला ही मुकाबला गेंदबाजों के लिए बिलकुल निराश करने वाला रहा। पूरे मैच में कुल 14 ही खिलाड़ी आउट हुए, इसमें दस विकेट ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों के थे। पाकिस्तान के 4 बल्लेबाज आउट हुए। इस तरह मुकाबला ड्रॉ समाप्त हो गया।

स्टीव स्मिथ ने इस पिच को काफी सरल बताया था। वहीँ पैट कमिंस ने भी कहा था कि यह पारंपरिक रावलपिंडी पिच नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पिच को तेज गेंदबाजी आक्रमण को समाप्त करने के लिए तैयार किया गया था।

रंजन मदुगले ने पिच को लेकर कहा कि पिच का चरित्र शायद ही पांच दिनों के दौरान बदला और उछाल थोड़ा कम होने के अलावा कोई गिरावट नहीं आई। पिच में बहुत अधिक गति नहीं थी और इसमें तेज गेंदबाजों के लिए न उछाल था और न ही स्पिनरों के लिए मदद थी। मेरे विचार में यह बल्ले और गेंद के बीच एक समान प्रतियोगिता का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। इसलिए आईसीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार मैं इस पिच को औसत से नीचे मानता हूं।

आईसीसी पिचों को अलग-अलग रेटिंग देता है। इसमें सबसे बेहतर पिच को वैरी गुड रेटिंग मिलती है। इसके बाद गुड, औसत, औसत से नीचे, खराब और अनफिट रेटिंग दी जाती है। औसत से निचले स्तर की पिच को एक डीमेरिट अंक दिया जाता है। खराब और अनफिट पिचों को क्रमशः तीन और पांच डीमेरिट पॉइंट दिए जाते हैं। पांच सालों तक डीमेरिट अंक मान्य होते हैं। किसी वेन्यू को पांच डीमेरिट अंक मिलने पर स्टेडियम को 12 माह मैच आयोजन से बैन कर दिया जाता है।

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