भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशाखापट्टनम में खेले गए पहले मुकाबले में मेहमानों ने बाजी मार ली। इस मैच का परिणाम अंतिम गेंद पर तय हुआ और ऑस्ट्रेलिया ने इसे 3 विकेट से अपने नाम किया। भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह टी20 सीरीज जीतने की आशाएं भी उस निर्णायक गेंद पर खत्म हुई। भारतीय बल्लेबाजों ने लचर प्रदर्शन किया। निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भी अंतिम ओवरों में निराश किया। पूरे मैच में भारतीय दृष्टिकोण से अगर कुछ सकारात्मक रहा तो वह था गेंदबाजी विभाग।
जसप्रीत बुमराह ने अपनी रफ्तार और सटीक गेंदबाजी से मैच का रुख भारत के पक्ष में कर दिया था, मगर अंतिम ओवर में उमेश यादव खर्चीले साबित हुए। बुमराह ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की। वह भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तान विराट कोहली के ब्रह्मास्त्र हैं। उनका उपयोग भारतीय कप्तान को सोच समझकर करना चाहिए।
आजकल फटाफट क्रिकेट (टी20) के न मालूम कितने टूर्नामेंट विश्वभर में खेले जा रहे हैं। आईपीएल लीग का 12वां संस्करण भी अब नजदीक दिखने लगा है। विश्वकप से पहले यह टूर्नामेंट परेशानी का सबब भी बन सकता है। भारतीय कप्तान विराट कोहली और टीम के मुख्य खिलाड़ियों को विश्वकप को ध्यान में रखते हुए आईपीएल से आराम करना चाहिए या फिर कम से कम मैच खेलने चाहिए। आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में लगातार मैच देखने को मिलते हैं, जिस कारण खिलाड़ियों की चोट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। हाल ही में न्यूज़ीलैंड में खेली गई टी20 सीरीज में भी कप्तान कोहली और जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया था। बुमराह की उपयोगिता गेंदबाजी विभाग में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी विराट कोहली की बल्लेबाजी में।
जसप्रीत बुमराह टी20 अंतरराष्ट्रीय में 50 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। अश्विन के नाम 46 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कुल 52 विकेट दर्ज हैं, जबकि बुमराह के खाते में 51 विकेट हो गए हैं। बुमराह ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए 41 मैच खेले हैं। वह ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज बन गए हैं।
आईपीएल की इस प्रतिभा को इस आईपीएल में क्यों नहीं खेलना चाहिए?
25 वर्षीय बुमराह ने भारत के लिए 2016 में पर्दापण किया था। हालाँकि बुमराह खुद आईपीएल के मंच पर सबको प्रभावित करके भारतीय टीम में आये हैं तो वह आईपीएल क्यों न खेलें? आईपीएल युवा क्रिकेटरों के लिए अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा मंच जरूर है। देशी और विदेशी दिग्गज खिलाड़ियों के साथ युवा खिलाड़ी क्रिकेट खेलते हैं और अपना आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। लेकिन बुमराह को बतौर गेंदबाज खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है, वह कम समय मे ही एक परिपक्व खिलाड़ी बन गए हैं। वह मुंबई की टीम से खिताब भी जीत चुके हैं। अब उनके लिए विश्वकप पहली वरीयता होनी चाहिए। आईपीएल में मैच लगातार खेले जाने हैं, जिसमें खिलाड़ियों पर थकान हावी हो सकती है या फिर चोट जैसी परिस्थितियां बन सकती हैं। बुमराह कप्तान कोहली के एक प्रमुख अस्त्र हैं और उनका उपयोग कोहली को सम्भलकर करना चाहिए।
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