भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज (IND vs ENG) का पांचवां और अंतिम मैच 7 मार्च से धर्मशाला में खेला जाना है। यह मुकाबला इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टो के साथ-साथ भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के लिए भी खास होगा, क्योंकि वह भी अपने करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलेंगे। इस मुकाबले से पहले अश्विन ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज हारने को अपने करियर का टर्निंग पॉइंट बताया।
भारत को आखिरी बार अपनी सरजमीं में इंग्लैंड के खिलाफ ही टेस्ट सीरीज हारनी पड़ी थी। उस सीरीज में रविचंद्रन अश्विन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज थे लेकिन उन्होंने काफी ज्यादा रन भी लुटाये थे। इस ऑफ स्पिनर ने चार मैचों की आठ पारियों में 52.64 की औसत से 737 रन लुटाकर 14 विकेट लिए थे। वहीं, पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन 3/80 रहा था।
इंग्लैंड के खिलाफ उस सीरीज में खराब प्रदर्शन के कारण टीम में रविचंद्रन अश्विन की जगह पर सवाल भी उठने लगे थे। हालाँकि, भारतीय स्पिनर ने जल्द ही खुद को टेस्ट टीम में मुख्य खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया और हाल ही में 500 टेस्ट विकेट लेने गेंदबाज भी बने।
मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आये अश्विन ने कहा कि 2012 की सीरीज ने उन्हें एक अद्भुत सबक दिया कि उन्हें किन क्षेत्रों में सुधार करने की जरूरत है और कहां उन्हें खुद को सही करना है। उन्होंने कहा,
वह सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ घर में थी, जहां कुक और पीटरसन ने रन बनाए थे। यह मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट हो सकता है। मुझे ड्रॉप किए जाने की बातें चल रही थीं। वह मेरे लिए सुधार करने के लिहाज से एक अद्भुत सबक था। मुझे पता था कि मुझे क्या सही करना है। तब से, यह इसी चीज के बारे में है।
आपको बता दें कि साल 2011 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले रविचंद्रन अश्विन भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज हैं। उनके नाम 99 मैचों में 507 विकेट दर्ज हैं। इसके अलावा बल्लेबाजी में भी उन्होंने पांच शतक और 14 अर्धशतकों की मदद से 3309 रन बनाये हैं। देखना होगा कि वह अपने करियर के 100वें टेस्ट मुकाबले को किस तरह यादगार बनाते हैं।