इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने मैनचेस्टर टेस्ट की स्थिति तय करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को पत्र लिखा है। भारतीय खेमे (India Cricket team) में कोविड-19 मामले आने के कारण पांचवां टेस्ट मैच टॉस के कुछ घंटे पहले रद्द कर दिया गया।
भारतीय टीम के सहायक फिजियो योगेश परमार के कोविड-19 पॉजिटिव निकलने के बाद इस टेस्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। परमार की खबर जानने के बाद भारतीय खेमे में खलबली मची क्योंकि कई खिलाड़ी इनके करीबी संपर्क में आए थे।
हालांकि, मैच से एक दिन पहले भारतीय खिलाड़ियों के आरटी-पीसीआर के नतीजे निगेटिव आए थे, लेकिन तीन दिन की अवधि में कोविड-19 मामले की शंका होने के कारण उन्होंने मैच में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया। पूरी टीम का समर्थन मिलने पर सीनियर सदस्यों ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर अपनी स्थिति से अवगत कराया और इन परिस्थितियों में मैच खेलने पर आपत्ति प्रकट की।
बीसीसीआई और ईसीबी के बीच दो दिन बैठक के बाद आखिरकार टेस्ट को रद्द करने का आधिकारिक फैसला लिया गया। जहां बीसीसीआई ने ईसीबी को आने वाले समय में यह टेस्ट दोबारा आयोजित कराने का प्रस्ताव दिया, वहीं टॉम हैरिसन ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि अगर एकमात्र टेस्ट अगले साल हुआ तो यह पांच मैचों की सीरीज का हिस्सा नहीं होगा।
ईसीबी ने अब गेंद आईसीसी के पाले में डाल दी है ताकि सही नतीजा निकलने की उम्मीद की जा सके।
मैनचेस्टर टेस्ट के स्तर पर आखिरी फैसला आईसीसी की विवाद समाधान समिति लेगी
अब इस मामले की जांच आईसीसी की विवाद समाधान समिति करेगी, जिसमें दो फैसले आने की उम्मीद है। डीआरसी द्वारा आईसीसी नियमों में कोविड-19 भत्ते के मुताबिक अगर मैच को स्वीकार्य माना जाता है, तो पांचवें टेस्ट को शून्य और कुछ नहीं माना जाएगा व सीरीज भारत के पक्ष में चली जाएगी।
हालांकि, अगर डीआरसी को लगता है कि भारत का कारण स्वीकार्य नहीं है तो मैच का नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में जाएगा और सीरीज 2-2 से बराबर हो जाएगी। आईसीसी डीआरसी का फैसला इस हिसाब से आएगा कि कोविड-19 मौसम में स्वीकार्य गैर-अनुपालन का क्या मतलब है।
आईसीसी कोविड-19 दिशा-निर्देश के तहत, 'कोई भी मैच जो एक या दोनों पार्टियों के स्वीकार्य गैर-अनुपालन के कारण नहीं होता है (जैसा कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप प्रतियोगिता शर्तों में परिभाषित किया गया है) को अंक प्रतिशत की गणना में ध्यान में नहीं रखा जाएगा।'
जहां बीसीसीआई इस बात पर अड़ा है कि मौजूदा स्थिति आईसीसी कोविड-19 प्रावधान के अंतर्गत आती है। वहीं ईसीबी प्रमुख टॉम हैरिसन ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि घरेलू बोर्ड को नहीं लगता कि मैच कोविड-19 के कारण रद्द हुआ।
टॉम हैरिसन ने कहा, 'यह कोविड के कारण रद्द हुआ मैच नहीं है। यह मैच रद्द हुआ क्योंकि एक टीम के मानसिक स्वास्थ्य और भलाई की गंभीर चिंता थी और यही फर्क है। हमारे पास आईसीसी की जांच है कि क्या सीरीज पूरी हो गई है, क्या पांचवां मैच शून्य और कुछ नहीं माना जाएगा या फिर इसे फोरफेइटर या कुछ और माना जाएगा।'
एक बार जब आईसीसी अपनी कार्यवाही शुरू कर देगा, तो मैनचेस्टर में जो हुआ उस पर एक स्वतंत्र रिपोर्ट कमीशन की जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट को माइकल बेलॉफ की अध्यक्षता वाले डीआरसी पैनल को प्रस्तुत किया जाएगा। डीआरसी का फैसला निर्णायक होगा और इसके बाद कोई अपील प्रक्रिया नहीं होगी।