पूर्व भारतीय (Indian Cricket team) लेग स्पिनर लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन (Laxman Sivaramakrishnan) का मानना है कि भरत अरुण (Bharat Arun) का मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) पर तेज गेंदबाज के रूप में प्रगति का बड़ा प्रभाव रहा है। सिराज ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में डेब्यू किया था और इसके बाद से लाल गेंद क्रिकेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
27 साल के सिराज ने लंबे स्पेल करने की काबिलियत दिखाकर अपने आप को साबित किया। उनमें गजब की ऊर्जा है और वह विकेट से अच्छा मूवमेंट हासिल करते हैं। वह मौजूदा भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण के साथ काफी पहले से जुड़े हुए हैं।
सिराज ने भरत अरुण के साथ हैदराबाद में अपने समय के दौरान करीब से काम किया। वह पहली बार अरुण से तब मिले, जब 20 साल के थे। तब अरुण किंग्स इलेवन पंजाब के गेंदबाजी कोच थे।
शिवरामाकृष्णन का मानना है कि अरुण ने सिराज में काफी ज्ञान भरा, जिसका इनाम इस समय मिल रहा है।
हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में शिवरामाकृष्णन ने कहा, 'सिराज की सफलता का अरुण के साथ बहुत कुछ लेना-देना है। जब वह कुछ समय के लिए हैदराबाद के कोच थे, तब उन्होंने सिराज की खोज की थी। सिराज को श्रेय इस बात का जाता है कि उनमें सीखने की भूख और इच्छा थी। अरुण ने उनमें काफी ज्ञान भरा।'
सिराज अरुण को अपना गुरु मानते हैं: लक्ष्मण शिवरामाकृष्णन
तेज गेंदबाज ने पिता के निधन के बाद ऑस्ट्रेलिया में रुकने का फैसला किया। कई प्रमुख खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद सिराज को डेब्यू का मौका मिला।
ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत के दौरान सिराज ने एक पारी में पांच विकेट विकेट लेकर अपना दमखम दिखाया। शिवरामाकृष्णन का मानना है कि सिराज ने वही किया जो अरुण उनसे चाहते थे। उन्होंने कहा, 'सिराज ने बस अरुण का अनुसरण किया। कुछ लोगों को शायद इस पर शक हो। सिराज ने अरुण को अपना गुरु माना है और वही किया जो गेंदबाजी कोच उनसे चाहते हैं।'
सिराज ने लॉर्ड्स टेस्ट क चौथी पारी में शानदार गेंदबाजी की थी। सिराज ने जल्दी-जल्दी विकेट निकालकर इंग्लैंड को 120 रन पर समेट दिया और भारत को 151 रन की जीत दिलाई। भारत ने इसी के साथ पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई।