भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच कानपुर में जारी पहले टेस्ट के दूसरे दिन खराब अंपायरिंग पर पूर्व क्रिकेटर और महशूर कमेंटेटर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने भड़ास निकाली है। मैदानी अंपायर्स वीरेंदर शर्मा और नितिन मेनन ने शुक्रवार को कई गलत फैसले लिए।
न्यूजीलैंड के ओपनर टॉम लैथम को तीन बार डीआरए से गुजरना पड़ा। एलबीडब्ल्यू आउट अंदरूनी भाग लगकर आ रही थी जबकि कैच के फैसले रीप्ले के बाद बदले गए।
अपने यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए आकाश चोपड़ा ने कहा कि वह गिनना ही भूल गए कि कितनी बार लैथम को गलत तरह से आउट दिया गया। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कीवी ओपनर को जरूर मन में ख्याल आया होा कि अंपायर को उनका चेहरा पसंद नहीं। चोपड़ा ने रविचंद्रन अश्विन द्वारा डाली नो बॉल का भी ध्यान दिलाया, जो दी जाना चाहिए थी।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा, 'हमने एक बार फिर वही चीज देखी। अंपायरिंग का स्तर काफी साधारण रहा। टॉम लैथम को शुभमन गिल के समान आउट दिया, लेकिन उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लगा था। नितिन मेनन, जो आमतौर पर अच्छी अंपायरिंग करते हैं, वहां भी स्तर गिरा हुआ नजर आया। टॉम लैथम के साथ यह कितनी बार हुआ? मैं तो गिनती ही भूल गया हूं। एक मौके पर कोई किनारा नहीं था, लेकिन बल्ला जाकर पैड पर लगा और अंपायर ने आउट दे दिया। फिर आप जानते हैं उसने क्या कहा? इस अंपायर को मेरा चेहरा पसंद नहीं या कुछ और? ऐसे ही एक बार रविचंद्रन अश्विन ने रिटर्न क्रीज को पार किया, इसे नो बॉल देना चाहिए था, लेकिन नहीं दी।'
भारतीय टीम दूसरे दिन अपने पहले दिन के स्कोर में 87 रन का इजाफा कर सकी। भारत की पहली पारी 345 रन पर ऑलआउट हुई। इसके बाद न्यूजीलैंड ने करारा जवाब दिया और दूसरे दिन स्टंप्स तक 57 ओवर में बिना किसी नुकसान के 129 रन बना लिए हैं। कीवी टीम अभी भारत के स्कोर से 216 रन पीछे है जबकि उनके सभी विकेट शेष हैं।
आकाश चोपड़ा की अंपायर्स पर प्रतिक्रिया
वीडियो में आगे आकाश चोपड़ा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि टेस्ट मैचों में आईसीसी के एलीट पैनल अंपायर्स को अंपायरिंग कराना चाहिए। इस समय पैनल में 11 अंपायर्स शामिल हैं, जिसमें नितिन मेनन भी हैं।
चोपड़ा ने कहा, 'अंपायरिंग स्तर बहुत साधारण हो गया है। यह तटस्थ अंपायर्स के बारे में नहीं बल्कि एलीट पैनल अंपायर्स के बारे में हैं। अगर आप अंपायरिंग स्तर को काफी ऊंचा रखना चाहते हैं तो यह बहुत जरूरी है।'