"जब आप विदेश में दो महीने तक लीग क्रिकेट खेलते हैं तब आपको परिवार का ख्याल नहीं आता है?", क्विंटन डी कॉक को पूर्व कप्तान ने लगाई फटकार

क्विंटन डी कॉक ने टेस्ट से संन्यास लेते हुए सभी को चौंका दिया
क्विंटन डी कॉक ने टेस्ट से संन्यास लेते हुए सभी को चौंका दिया

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सलमान बट ने परिवार के साथ अधिक समय बिताने के लिए टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने पर क्विंटन डी कॉक (Quinton de Kock) को फटकार लगाई है। बट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अचानक संन्यास लेना एक 'ड्रामा' जैसा होता जा रहा है।

सेंचुरियन में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में 113 रन से मिली हार के कुछ घंटों के बाद ही डी कॉक के संन्यास लेने की खबर ने सभी को हैरत में डाल दिया। अपने आखिरी टेस्ट में डी कॉक ने पहली पारी में 34 तथा दूसरी पारी में 21 का स्कोर बनाया।

डी कॉक पर निशाना साधते हुए बट ने कहा कि इस तरह के अचानक कदम से टीम के माहौल को नुकसान पहुंचता है। अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए, सलमान बट ने कहा,

क्विंटन डी कॉक पिछले डेढ़ साल से अजीबोगरीब क्रिकेट खेल रहे थे। वह कप्तान के रूप में पाकिस्तान आए लेकिन बाद में भूमिका त्याग दी। अब एक टेस्ट खेलने के बाद उन्होंने अपने (टेस्ट) संन्यास की घोषणा की है। ऐसी चीजें टीम के संतुलन, चयन नीति को बिगाड़ती हैं और कप्तान की मानसिकता को प्रभावित करती हैं।

बट ने युवा खिलाड़ियों को टेस्ट प्रारूप से दूर करने के लिए दुनिया भर में हो रहीं फ्रेंचाइजी लीग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ने आगे कहा,

खिलाड़ियों ने अचानक संन्यास को नाटक बना लिया है। जब आप लगभग 2 महीने तक विदेशी लीग खेलते हैं तो क्या आप परिवार के बारे में नहीं सोचते हैं? ऐसा क्यों है कि केवल टेस्ट क्रिकेट ही आड़े आता है? आप दक्षिण अफ्रीका में अपने ही देश में क्रिकेट खेल रहे हैं। रुचि की यह कमी लीग क्रिकेट से जुड़ी है।

क्विंटन डी कॉक के संन्यास के लिए मेरे पास कोई अच्छे शब्द नहीं हैं - सलमान बट

बट ने दावा किया कि खिलाड़ियों के संन्यास में क्रिकेट बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया जा रहा है। उनके अनुसार, खिलाड़ियों का अचानक संन्यास लेना एक ऐसी चीज है जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। बट ने कहा,

क्योंकि इसमें क्रिकेट बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है, यह स्वतंत्रता की कीमत पर है... मैं समझा नहीं सकता। लेकिन कुछ क्रिकेटरों को लगने लगा है कि लीग क्रिकेट खेलना ही काफी है। उन्हें टेस्ट क्रिकेट में कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता क्यों है? यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का रवैया नहीं है। क्षमा करें, मेरे पास क्विंटन डी कॉक के संन्यास के लिए अच्छे शब्द नहीं हैं।

2014 में टेस्ट डेब्यू करने वाले डी कॉक ने 54 टेस्ट में 3300 रन बनाये। इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 22 अर्धशतकीय पारियां देखने को मिली।

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Edited by Prashant Kumar
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