MATCH | RUNS | BF | 4s | 6s | SR | OVERS | MO | RC | WKTS | ECO | EX |
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PAK vs SA | 29 & 0 | 20 & 1 | 5 & 0 | 0 & 0 | 145.00 & 0.00 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
SA vs PAK | 15 & 2 | 23 & 17 | 1 & 0 | 0 & 0 | 65.21 & 11.76 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
SL vs SA | 10 | 20 | 1 | 0 | 50.00 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
SL vs SA | 18 | 11 | 3 | 0 | 163.63 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
SA vs ENG | 17 | 12 | 1 | 1 | 141.66 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 |
GAME TYPE | M | INN | RUNS | BF | NO | AVG | SR | 100s | 50s | HS | 4s | 6s | CT | ST |
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ODIs | 121 | 121 | 5135 | 5414 | 6 | 44.65 | 94.84 | 15 | 25 | 178 | 590 | 74 | 164 | 9 |
TESTs | 51 | 86 | 3008 | 4227 | 5 | 37.13 | 71.16 | 5 | 21 | 129* | 386 | 25 | 208 | 11 |
T20Is | 47 | 47 | 1303 | 954 | 5 | 31.02 | 136.58 | 0 | 6 | 79* | 135 | 53 | 41 | 11 |
T20s | 203 | 197 | 6090 | 4389 | 15 | 33.46 | 138.75 | 4 | 35 | 126* | 636 | 245 | 141 | 35 |
LISTAs | 162 | 160 | 6521 | 6817 | 7 | 42.62 | 95.65 | 19 | 31 | 178 | 727 | 107 | 202 | 15 |
FIRSTCLASS | 80 | 136 | 5153 | 6782 | 9 | 40.57 | 75.98 | 11 | 35 | 194 | 655 | 63 | 302 | 16 |
GAME TYPE | M | INN | OVERS | RUNS | WKTS | AVG | ECO | BEST | 5Ws | 10Ws |
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ODIs | 121 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | ||
TESTs | 51 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | ||
T20Is | 47 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | ||
T20s | 203 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | ||
LISTAs | 162 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | 0 | ||
FIRSTCLASS | 80 | 1 | 1 | 9 | 0 | 9.00 | 0 | 0 | 0 |
क्विंटन डी कॉक इस समय के सबसे होनहार युवा विकेटकीपरों में से एक हैं। वह विकेट कीपिंग के साथ अच्छी बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं। करियर की शुरुआत में डिकॉक के अविश्वसनीय क्रिकेट की वजह से विशेषज्ञों ने उन्हें भविष्य का महान खिलाड़ी चिह्नित कर लिया था।
अंडर-19 विश्वकप में टीम के लिए बनाए सबसे अधिक रन
डी कॉक उसी किंग एडवर्ड V।। हाईस्कूल गए, जहां उनके हमवतन ग्रीम स्मिथ और नील मैकेंज़ी पढ़े थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी अंडर-19 विश्वकप के दौरान अपनी टीम के लिए 284 रन बनाए। इस तरह वह टीम में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। 2012 में हुई चैंपियंस लीग टी-20 में डिकॉक ने हाईवेल्ड लायंस के लिए एक मैच विजेता पारी खेली। इस प्रदर्शन ने राष्ट्रीय टीम के लिए उनके रास्ते खोले।
वनडे टीम से हो गए बाहर
2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 मैच से डिकॉक ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। दरअसल, इस मुकाबले में टीम के नियमित विकेटकीपर एबी डिविलियर्स अनुपस्थिति थे। डी कॉक ने इस मैच में 23 गेंदों पर 28 रन बनाकर चयनकर्ताओं पर अपना प्रभाव छोड़ा। उन्होंने अपना वनडे डेब्यू 2013 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ही किया था। हालांकि प्रदर्शन अच्छा नहीं होने की वजह से उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था।
भारत के खिलाफ लगाए लगातार तीन शतक
नवंबर 2013 में एकदिवसीय टीम में लौटने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शतक बनाकर खुद को बड़े मंच पर लाने की घोषणा की। उनका बेहतरीन क्रिकेट तब जगजाहिर हुआ, जब उन्होंने 2013 में भारत के खिलाफ लगातार तीन शतक जमाए । अगले साल उन्होंने पोर्ट एलिजाबेथ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में पदार्पण किया और दो पारियों में 7 और 34 रन बनाए। हालांकि, वह श्रीलंका दौरे के बाद टेस्ट टीम के स्थायी सदस्य बन गए।
खराब फॉर्म के कारण टीम से हुए बाहर
डिकॉक को दिसंबर 2014 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में चोट लग गई थी, जिसकी वजह से 2015 के आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में उनकी भागीदारी भी खतरे में पड़ गई थी। हालांकि वह समय रहते चोट से उबरने में सफल रहे और कड़ी मेहनत करके वापसी की। फिर भी टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने मामूली रन ही बनाए।
उनका बांग्लादेश के खिलाफ भी खराब प्रदर्शन जारी रहा और उन्हें आखिरकार टीम से बाहर कर दिया गया। दक्षिण अफ्रीका ए की तरफ से खेलते हुए डी कॉक ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और इसके बाद दोबारा वनडे टीम में वापसी की। उन्होंने 2015 में भारत के खिलाफ वनडे सीरीज में दो शतक लगाए, जिसकी बदौलत दक्षिण अफ्रीका की टीम 3-2 से सीरीज जीतने में कामयाब रही।
लगातार 5 मैचों में बनाए 50 से अधिक रन
सीमित ओवरों के प्रारूप में अपने दबदबे के बावजूद डी कॉक टेस्ट टीम के अंतिम 11 खिलाड़ियों में अपनी जगह पक्की करने में सफल नहीं हो सके। हालांकि, 2016 में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए एक रिकॉर्ड कायम कर दिया।
वह टेस्ट क्रिकेट के लगातार 5 मैचों में 50 से अधिक रन बनाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पांचवें बल्लेबाज बन गए। यही नहीं उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट में शतक लगाकर अपनी टीम को सीरीज जीतने की तरफ ले गए। ऐसे में उनकी पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट से तुलना की जाने लगी। डिकॉक की रन बनाने की होड़ वनडे में भी जारी रही। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेंचुरियन के मैदान पर 113 गेंदों पर 178 रन बनाए ।
क्लब करियर
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डिकॉक के खेल से प्रभावित होकर आईपीएल की सनराइजर्स हैदराबाद फ्रेंचाइजी ने उन्हें 2013 संस्करण के लिए खरीदा। इसके बाद वो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का भी हिस्सा बने। इस वक्त वो मुंबई इंडियंस की टीम में शामिल हैं।