क्रिकेट के खेल में बल्लेबाज को आउट करने के कईं अलग-अलग तरीके हैं, जिसमें नॉन स्ट्राइक वाले बल्लेबाज को मांकडिंग तरीके से आउट करने को लेकर लगातार बहस देखने को मिली है। जब भी इस तरह का रन आउट होता है तो बहस शुरू हो जाती है। कुछ इसी तरह का मामला श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में भी देखने को मिला था, जब सीरीज के पहले मुकाबले के अंतिम ओवर में श्रीलंकाई कप्तान दासुन शनाका (Dasun Shanaka) को मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने नॉन स्ट्राइकर एन्ड पर रन आउट करने का प्रयास किया था लेकिन कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने अपील वापस ले ली थी। उस समय शनाका 98 के व्यक्तिगत स्कोर पर थे, अगर उन्हें आउट दिया गया होता तो शतक से चूक जाते लेकिन बाद में वह शतक जड़ने में सफल रहे।
साल 2019 के आईपीएल के बाद से जब भी कहीं भी मांकडिंग करने की बात होती है, तो टीम इंडिया के दिग्गज स्पिन गेंदबाज आर अश्विन का जिक्र जरूर होता है, क्योंकि उन्होंने ही जोस बटलर को ऐसे आउट करके काफी चर्चा बटोरी थी। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में मांकड़ को लेकर भी अश्विन ने हाल ही में प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने मोहम्मद शमी का बचाव करते हुए कहा कि इस तरह से आउट करने में इतनी हिचकिचाहट क्यों देखी जाती है। साथ ही उन्होंने रोहित शर्मा के अपील वापस लेने पर भी सवाल उठाए।
आर अश्विन ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा,
जब शनाका 98 रन पर थे तो शमी ने उन्हें नॉन स्ट्राइकर छोर पर रन आउट कर दिया था और इसकी अपील भी की थी। रोहित ने वो अपील वापस ले ली। इसके तुरंत बाद इतने सारे लोगों ने इस बारे में ट्वीट किया। मैं हमेशा एक ही बार दोहराता रहूंगा। खेल की स्थिति कोई मायने नहीं रखती। यह आउट करने का वैध तरीका है।
मांकड़ को लेकर कप्तान से अंपायर को नहीं पूछना चाहिए - अश्विन
अपनी बात को आगे जारी रखते हुए भारत के इस फिरकी गेंदबाज ने कहा,
अगर आप एलबीडब्लयू अपील या फिर विकेट के पीछे कैच आउट की अपील करते हो, कोई भी कप्तान से नहीं पूछता कि वे इस अपील के बारे में निश्चित हैं या नहीं। अगर गेंदबाज अपील करता है तो वे उसे आउट दे देंगे और बात खत्म। देखिये अगर एक भी फील्डर अपील करता है, तो यह अंपायर का कर्तव्य है कि अगर वह आउट है तो वे खिलाड़ी को आउट दें।