मोहाली (IND vs SL) में भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) की 175 रन की पारी का हर कोई गुणगान कर रहा है और इस खिलाड़ी की सबसे बेहतरीन पारी बता रहा है लेकिन गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) सहमत नहीं हैं। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज के मुताबिक यह जडेजा का बल्ले के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं है।
जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में बल्ले के साथ जबरदस्त खेल दिखाया और अपने करियर का सर्वाधिक स्कोर बनाते हुए 175 रन बनाकर नाबाद रहे। उनकी पारी की मदद से भारत ने पहली पारी में 574/8 का स्कोर बनाया। इसके बाद उन्होंने गेंद से भी कमाल दिखाया और मैच में कुल 9 विकेट चटकाए।
स्टार स्पोर्ट्स पर एक चर्चा के दौरान, गौतम गंभीर से पूछा गया कि क्या जडेजा का पहली पारी में प्रदर्शन उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ था। जवाब देते हुए गंभीर ने कहा,
मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि रविंद्र जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया में जो पारी खेली है या भारत के बाहर उन्होंने जो पारियां खेली हैं, उससे उन्हें और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा। कई बार आंकड़े काफी भ्रमित करने वाले होते हैं। एक समय था जब जडेजा धनंजय डी सिल्वा, असलंका और एम्बुलडेनिया के खिलाफ बड़ी आसानी से रन बना रहे थे। लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में 40 या 50 रन का योगदान भी इस पारी से अधिक महत्व रखता है।
गंभीर ने आगे कहा कि जडेजा की यह पारी उनकी विदेशों में किये प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने कहा,
ये 175 रन इस बात का फल हैं कि रविंद्र जडेजा ने विदेशी परिस्थितियों में कैसे बल्लेबाजी की है। आप केवल अंतिम परिणाम देखते हैं, लेकिन इन 175 रनों तक की बढ़त, इसमें बहुत प्रयास किया गया है, उन्होंने मुश्किल परिस्थतियों में ढेर सारे रन बनाये हैं इसीलिए उन्हें नंबर 6 या नंबर 7 पर मौका मिला।
गंभीर ने अंत में यह भी कहा कि अगर जडेजा ने विदेशों में बल्ले के साथ अपनी उपयोगिता नहीं साबित की होती तो नंबर 7 पर किसी और को या फिर रविचंद्रन अश्विन को मौका दिया जाता।