पूर्व खिलाड़ी ने विराट कोहली को बताया जावेद मियांदाद जैसा बल्लेबाज, दोनों में बताई समानता 

 सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की जमकर प्रशंसा की है
सुनील गावस्कर ने विराट कोहली की जमकर प्रशंसा की है

विराट कोहली (Virat Kohli) कल अपना 100वां टेस्ट (IND vs SL) खेलेंगे और उससे पहले तमाम दिग्गज उनकी खूबियों का वर्णन कर रहे हैं। इसी क्रम में पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का नाम भी शुमार हो गया है। गावस्कर के मुताबिक विराट में शुरू से ही आग थी और वह गेंदबाजों को परेशान करने के मामले में दूसरों से अलग थे।

भारत और श्रीलंका के बीच शुक्रवार को मोहाली में होने वाला टेस्ट विराट के करियर का सौवां टेस्ट होगा। इस तरह कोहली यह उपलब्धि हासिल करने वाले 12वें भारतीय बन जाएंगे।

बीसीसीआई के द्वारा ट्विटर पर साझा किये गए वीडियो में गावस्कर ने कहा,

अपने देश के लिए 100वां टेस्ट खेलना एक अविश्वसनीय एहसास है, हम सभी जब अपने घर के कंपाउंड में खेलते हैं, हम भारत के लिए खेलने का सपना देखते हैं। देश के लिए खेलने के बाद और आप अपने 100वें टेस्ट में आ गए हैं, यह एक अविश्वसनीय एहसास है। 100वें टेस्ट में पहुंचने का मतलब है कि आप देश के लिए बहुत सफलतापूर्वक खेले हैं। इस दौरान काफी उतार- चढ़ाव भी आये होंगे।

उन्होंने आगे कहा,

कोहली चाहे फील्डिंग कर रहे हों या बल्लेबाजी के लिए बाहर जा रहे हों, क्राउड उनका हौसला बढ़ाता है। क्राउड यही करती है, खासकर जब वह घरेलू क्राउड हो। हर कोई चाहता होगा कि वह अपने 100वें टेस्ट में शतक बनाए। उनकी एक अविश्वसनीय यात्रा रही है, मुझे याद है कि उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज में डेब्यू किया था, वहां भी आप उनमें आग देख सकते थे।

आपको बता दें कि विराट कोहली का 100वां टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर खेला जाना तय था लेकिन उस सीरीज के दौरान वह एक मैच नहीं खेल पाए थे। इसी वजह से अब भारत में उन्हें मोहाली के मैदान में यह उपलब्धि हासिल करने का मौका मिला है। इस मैच के लिए बीसीसीआई की तरफ से 50% दर्शकों को आने की अनुमति मिली है।

कोहली गेंदबाजों को परेशान करने के मामले में जावेद मियांदाद जैसे हैं - सुनील गावस्कर

गावस्कर ने कोहली के गेंदबाजों के प्रति रवैये को जावेद मियांदाद जैसा बताया। उन्होंने कहा,

किसी भी तेज गेंदबाज को उकसाने के लिए काफी हिम्मत चाहिए होती है। कोहली उन चुनिंदा बल्लेबाजों में से हैं जो गेंदबाजों को स्लेज करना पसंद करते हैं। वह अलग हैं और गेंदबाजों को परेशान करते हैं। इस मामले में वह जावेद मियांदाद की तरह हैं। उनकी प्रगति अभूतपूर्व रही है, जिस निरंतरता के साथ उन्होंने खेला है, 100वां टेस्ट और उसके बाद भी ऐसा ही होना चाहिए।

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