बीते कुछ समय में भारतीय चयनकर्ताओं के फैसलों की जमकर निंदा हुई है, जिसमें आगामी एशिया कप के लिए चुनी जाने वाली टीम को लेकर भारतीय चयनकर्ता सवालों के घेरे में हैं। ऐसा ही एक फैसला बीते दिनों सामने आया जब जिंबाब्वे दौरे (ZIM vs IND) के लिए चुने गए भारतीय कप्तान शिखर धवन की जगह लम्बे समय बाद वापसी करने वाले केएल राहुल को कप्तान बना दिया।
जिंबाब्वे के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में पहले भारतीय चयनकर्ताओं ने शिखर धवन को बतौर कप्तान चुना था लेकिन बाद में राहुल की वापसी पर उन्हें कप्तान बना दिया गया और धवन को उपकप्तानी दी गई।
आज हम ऐसे तीन प्रमुख कारणों के बारे में जानेंगे जो बताते हैं कि क्यों केएल राहुल को बतौर कप्तान शिखर धवन की जगह नहीं चुना जाना चाहिए था।
इन 3 कारणों से शिखर धवन को ही जिम्बाब्वे दौरे करनी चाहिए थी कप्तानी
#1 केएल राहुल की फिटनेस खराब रही है
केएल राहुल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2022 में दक्षिण अफ्रीका दौरे और इसके बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ एक वनडे मैच खेला था। आईपीएल से पहले वह चोटिल हो गए थे। फिट होकर उन्होंने लीग में वापसी की लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज से पहले उन्हें ग्रोइन इंजरी हो गई और वह बाहर हो गए।
इसके बाद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज दौरा भी भी उन्होंने मिस किया। ऐसे में लंबे अंतराल से मैदान में सक्रिय न रहने के बावजूद उन्हें जिंबाब्वे दौरे का कप्तान बनाया गया, जो कहीं न कहीं सही नहीं है। उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर गेम टाइम दिया जा सकता था।
#2 अच्छा करने के बावजूद शिखर धवन से कप्तानी छीनना
बीते कुछ समय में भारतीय टीम मैनेजमेंट के फैसले अनुभवी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के हित में नहीं रहे हैं। पिछले कुछ आईपीएल संस्करणों में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद धवन को बीते कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने के कम मौके मिले हैं। वह अब सिर्फ वनडे खेलते हैं। इस प्रारूप में उन्होंने बतौर बल्लेबाज लगातार अच्छा किया है। जब चयनकर्ताओं ने उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी दी तो उन्होंने बखूबी कप्तानी की और वेस्टइंडीज में क्लीन स्वीप से वनडे सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बने। ऐसे में जिम्बाब्वे दौरे पर उन्हें कप्तान बनाये जाने के बाद हटाया जाना सही फैसला नहीं कहा जा सकता है।
#3 कप्तान के तौर केएल राहुल का खराब प्रदर्शन
बेशक केएल राहुल वर्तमान में भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं लेकिन उन्होंने अब तक एक काबिल कप्तान के तौर पर खुद को साबित नहीं किया है। केएल राहुल की कप्तानी में अब तक भारत ने सभी 4 मुकाबले गंवाए हैं। वहीं दूसरी ओर शिखर धवन ने कप्तानी करते हुए श्रीलंका के खिलाफ भारत को वनडे सीरीज में जीत दिलाई और हाल ही में उन्होंने वेस्टइंडीज में भी सीरीज जीती।
ऐसे में एक सफल कप्तान की जगह ऐसे खिलाड़ी को कप्तान बनाना जिसका रिकॉर्ड खराब है और वह लम्बे समय से बाहर भी था, सही फैसला नहीं कहा जा सकता है।