दो बार की वर्ल्ड कप विजेता भारत का प्रदर्शन इस प्रारूप में हमेशा ही शानदार रहा। भारत ने सबसे पहले 1983 में कपिल देव की कप्तानी में और फिर 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दो बार वर्ल्ड कप के खिताब पर कब्जा किया। इसके अलावा भारतीय टीम ने 2003 में हुए वर्ल्ड कप में फाइनल तक का सफर भी तय किया।
वनडे क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई बड़े रिकॉर्ड हैं, जोकि भारतीय खिलाड़ियों के नाम ही हैं। इसके अलावा भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली ने भी वनडे में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं और मौजूदा समय में उनसे बड़ा बल्लेबाज विश्व में कोई भी नहीं है।
यह भी पढ़ें: वनडे में अलग-अलग पोजीशन पर बैटिंग करते हुए बल्लेबाजों का सर्वाधिक स्कोर
हम नजर डालेंगे भारत की ऑलटाइम वनडे इलेवन पर:
सलामी बल्लेबाज: सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली
वनडे की सर्वश्रेष्ठ वर्ल्ड इलेवन बनाई जाती है, तो निश्चित ही सचिन तेंदुलकर का नाम उसमें भी शामिल रहेगा। सचिन ने अपने वनडे करियर में 463 मुकाबलों में 44.83 की औसत से 18,426 रन बनाए। इसमें 49 शतक और 96 अर्धशतक शामिल हैं। तेंदुलकर के नाम वनडे में सबसे ज्यादा रन और शतक लगाने का रिकॉर्ड भी हैं। इसके अलावा वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी भी हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 200 रन है।
सौरव गांगुली अपनी कप्तानी में भारत को 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल तक लेकर गए। वनडे में गांगुली के आंकड़े बेहतरीन रहे। गांगुली ने 311 वनडे में 11,363 रन बनाए, जिसमें 22 शतक और 72 अर्धशतक शामिल हैं। गांगुली का सर्वाधिक स्कोर 183 रन है।
वनडे में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की जोड़ी सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि विश्व की सर्वश्रेष्ठ जोड़ियों में से एक रही है। दोनों ने एक साथ 196 पारियों में साथ में बल्लेबाजी की है, जिसमें 8227 रन बनाए हैं। इसमें 26 शतकीय और 29 अर्धशतकीय साझेदारी शामिल हैं।
# मध्यक्रम- विराट कोहली, राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह
भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली मौजूदा समय के वनडे में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। आने वाले समय में वनडे के काफी कीर्तिमान अपने नाम कर सकते हैं। कोहली ने वनडे करियर में अभी तक 254 मैच खेले हैं, जिसमें 59.07 की औसत से 12,169 रन बनाए हैं। इसमें 43 शतक और 62 अर्धशतक शामिल हैं। कोहली का सर्वाधिक स्कोर 183 रन है।
राहुल द्रविड़ को कभी वनडे प्लेयर के तौर पर इतनी ज्यादा तरजीह नहीं दी गई, लेकिन उनके आंकड़े काफी शानदार रहे हैं। उन्होंने अलग-अलग पोजीशन पर बल्लेबाजी करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया। द्रविड़ ने वनडे करियर में 344 मुकाबलों में 39.17 की औसत से 10889 रन बनाए। इसमें 12 शतक और 83 अर्धशतक शामिल रहे।
लिमिटेड ओवर क्रिकेट में युवराज सिंह से ज्यादा प्रभावशाली खिलाड़ी मिलना मुश्किल है। युवराज सिंह अपने दम पर मैच को जिताने का दम रखते हैं और उन्होंने ऐसा कई बार करके भी दिखाया है। 2011 वर्ल्ड कप में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। युवराज के बिना ऑलटाइम इलेवन बनना मुश्किल है। युवी ने अपने वनडे करियर में 304 मैच खेले, जिसमें 36.56 की औसत से 8701 रन बनाए। इसमें 14 शतक और 52 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर 150 रहा।
#विकेटकीपर और ऑलराउंडर- महेंद्र सिंह धोनी और कपिल देव
भारत को सभी आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस टीम के भी कप्तान होंगे। वो बेहतरीन कप्तान होने के साथ शानदार विकेटकीपर भी फिनिशर भी हैं। उनका योगदान भारतीय क्रिकेट काफी महत्वपूर्ण रहा है। धोनी ने 350 वनडे में 50.58 की औसत से 10,773 रन बनाए हैं। इसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 183 रन रहा है और उन्होंने 10 शतक भी लगाए हैं।
1983 में भारत को पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट को बदलने में अहम योगदान निभाया है। कपिल देव विश्व के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर में से एक रहे हैं और उनके जैसा ऑलराउंडर आजतक भारतीय टीम को नहीं मिल पाया। देव ने वनडे में बल्ले के साथ 225 मुकाबलों में एक शतक की मदद से 3783 रन बनाए और गेंद के साथ 27.45 की औसत से 253 विकेट लिए। उनका सर्वाधिक स्कोर 175 रन रहा, तो गेंद के साथ 43 रन देकर 5 विकेट लेना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन।
#स्पिनर: अनिल कुंबले और हरभजन सिंह
हरभजन सिंह और अनिल कुंबले दोनों ही भारतीय टीम के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर में से एक रहे हैं। दोनों ने भारत को कई मैच अपने दम पर जिताए हैं। कुंबले 271 वनडे में 30.9 की औसत से 337 विकेट लिए। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 12 रन देकर 6 विकेट रहा।
दूसरी तरफ हरभजन सिंह ने अपने वनडे करियर में 236 वनडे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 269 विकेट लिए हैं। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 31 रन देकर 5 विकेट रहा। भज्जी 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे हैं।
तेज गेंदबाज: जहीर खान और जवागल श्रीनाथ
जहीर खान भारतीय टीम के ही नहीं बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ बाएं हाथ के तेज गेंदबाज में से एक रहे हैं। 2015 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले जहीर खान ने भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताने में गेंद के साथ शानदार प्रदर्शन किया था। जहीर ने अपने वनडे करियर में 200 मैच खेले, जिसमें 29.44 की औसत से 282 विकेट लिए। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 42 रन देकर 5 विकेट लेना रहा।
जवागल श्रीनाथ भी भारतीय टीम के दिग्गज गेंदबाजों में से एक रहे हैं। इस समय मैच रेफरी की भूमिका निभाने वाले श्रीनाथ के आंकड़े काफी शानदार रहे हैं। श्रीनाथ ने वनडे में 229 मैच खेलते हुए 28.98 की औसत से 315 विकेट लिए। इस बीच उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 23 रन देकर 5 विकेट रहा।