2019 vs 2011 वर्ल्ड कप टीम की बल्लेबाजी लाइनअप का एक तुलनात्मक विश्लेषण

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आईसीसी विश्व कप 2019 के शुरू होने में बस तीन महीने का समय ही बचा है। इस समय हर क्रिकेट प्रशंसक यही जानना चाहता है कि विश्व कप के लिए भारतीय टीम में किन-किन खिलाड़ियों को जगह मिलेगी।

30 मई 2019 से इंग्लैंड में होने वाले इस मेगा इवेंट के लिए भारतीय टीम प्रबंधन सर्वश्रेष्ठ संभावित टीम संयोजन को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है।

भारतीय वनडे टीम पिछले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे बेहतरीन टीमों में से एक रही है। घरेलू और विदेशी दोनों परिस्थितियों में लगातार अछे प्रदर्शन के परिणामस्वरूप, वर्तमान में भारत वनडे रैंकिंग में इंग्लैंड के बाद दूसरे स्थान पर है।

इसलिए मेन इन ब्लू को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

भारत ने इससे पहले 1983 और 2011 में बिश्व कप जीता था। तो ऐसे में वर्तमान भारतीय टीम की 8 साल पहले विश्व विजेता रही टीम के साथ तुलना करना बहुत दिलचस्प होगा।

#1. सलामी बल्लेबाज जोड़ी:

2011: सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग

2019: रोहित शर्मा और शिखर धवन

20011 Opening pair: Sachin Tendulkar and Virender Sehwag

2011 के संस्करण में, भारत के पास अब तक की सर्वश्रेठ सलामी जोड़ी थी। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विस्फोटक बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग विपक्षी गेंदबाज़ी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में माहिर थे।

इस जोड़ी ने टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल और दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ ग्रुप मैचों में ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए भारत को फाइनल तक पहुंचाया था।

Shikhar Dhawan and Rohit Sharma

अपने पूर्ववर्तियों की तरह, रोहित शर्मा और शिखर धवन की वर्तमान जोड़ी भी दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ी मानी जाती है।

पिछले कुछ सालों में भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन के पीछे इस जोड़ी का हाथ रहा है। आगामी विश्व कप में यदि वे अपने अच्छे फॉर्म को जारी रखते हैं तो भारत के तीसरी बार विश्व विजेता बनने से कोई नहीं रोक सकेगा।

विनर: टाई

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#2. नंबर 3:

विश्व कप 2011: गौतम गंभीर

विश्व कप 2019: विराट कोहली

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वनडे प्रारूप में नंबर 3 का बल्लेबाजी स्लॉट टीम के सबसे महत्वपूर्ण बल्लेबाज के लिए होता है। विश्व कप 2011 में, गौतम गंभीर ने नंबर तीन पर शानदार बल्लेबाजी की थी और भारत को विश्व कप जिताने में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पूरे टूर्नामेंट में गंभीर ने लगातार रन बनाए थे, खासकर श्रीलंका के खिलाफ उनकी 97 रनों की ऐतिहासिक पारी को भला कौन भूल सकता है। उस विश्व कप में गंभीर ने 9 मैचों में 43.66 की औसत से कुल 393 रन बनाए थे जिसमें 4 अर्धशतक भी शामिल हैं।

2019 में, यह सलॉट विराट कोहली का होगा, जो इस समय वनडे प्रारूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं।

अगर इस विश्व कप में कोहली का बल्ला चला तो वह ना केवल विश्व कप इतिहास के कई रिकार्ड तोड़ देंगे, बल्कि भारत को तीसरी बार विश्व विजेता भी बना देंगे।

विनर: 2019

#3. मध्य-क्रम :

2011: विराट कोहली, युवराज सिंह, एमएस धोनी और सुरेश रैना

2019: अंबाती रायडू, एमएस धोनी, दिनेश कार्तिक / ऋषभ पंत, केदार जाधव

विश्व कप 2011 की भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत थी- उसका मध्य क्रम। इसमें युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का एक आदर्श मिश्रण था, और यह सभी 4 खिलाड़ी अपने दम पर मैच जिताने का माद्दा रखते थे।

यह भारत का शानदार मध्य क्रम ही था जिसने टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फ़ाइनल और फिर श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में जीत दिलाई थी। 2011 में, धोनी और युवराज दुनिया के बेहतरीन फिनिशर थे, विराट कोहली एक उभरते हुए सितारे थे और सुरेश रैना नंबर 7 पर आदर्श बल्लेबाज थे।

वहीं, अंबाती रायडू और एमएस धोनी, वर्तमान मध्य क्रम के 2 मुख्य आधार हैं।

विश्व कप 2011 खेलने वाली टीम के मध्य क्रम के विपरीत, वर्तमान टीम का मध्य क्रम इसकी सबसे कमजोर कड़ी है। हालाँकि अंबाती रायडू, केदार जाधव और ऋषभ पंत अच्छे एकदिवसीय खिलाड़ी हैं, फिर भी वे अपने पूर्ववर्ती युवराज, रैना और कोहली के आस-पास भी नहीं हैं।

2011 की तुलना में धोनी भी अब पहले जैसी बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते जबकि पंत, जाधव और रायुडू अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे है

तो इस बार मध्य-क्रम का लचर प्रदर्शन भारत के एक बार फिर विश्व कप जीतने की राह में रोड़ा अटका सकता है।

विनर: 2011

लेखक: सौविक सेनगुप्ता अनुवादक: आशीष कुमार

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