#3. मध्य-क्रम :
2011: विराट कोहली, युवराज सिंह, एमएस धोनी और सुरेश रैना
2019: अंबाती रायडू, एमएस धोनी, दिनेश कार्तिक / ऋषभ पंत, केदार जाधव
विश्व कप 2011 की भारतीय टीम की सबसे बड़ी ताकत थी- उसका मध्य क्रम। इसमें युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का एक आदर्श मिश्रण था, और यह सभी 4 खिलाड़ी अपने दम पर मैच जिताने का माद्दा रखते थे।
यह भारत का शानदार मध्य क्रम ही था जिसने टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फ़ाइनल और फिर श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में जीत दिलाई थी। 2011 में, धोनी और युवराज दुनिया के बेहतरीन फिनिशर थे, विराट कोहली एक उभरते हुए सितारे थे और सुरेश रैना नंबर 7 पर आदर्श बल्लेबाज थे।
वहीं, अंबाती रायडू और एमएस धोनी, वर्तमान मध्य क्रम के 2 मुख्य आधार हैं।
विश्व कप 2011 खेलने वाली टीम के मध्य क्रम के विपरीत, वर्तमान टीम का मध्य क्रम इसकी सबसे कमजोर कड़ी है। हालाँकि अंबाती रायडू, केदार जाधव और ऋषभ पंत अच्छे एकदिवसीय खिलाड़ी हैं, फिर भी वे अपने पूर्ववर्ती युवराज, रैना और कोहली के आस-पास भी नहीं हैं।
2011 की तुलना में धोनी भी अब पहले जैसी बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते जबकि पंत, जाधव और रायुडू अपनी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे है
तो इस बार मध्य-क्रम का लचर प्रदर्शन भारत के एक बार फिर विश्व कप जीतने की राह में रोड़ा अटका सकता है।
विनर: 2011
लेखक: सौविक सेनगुप्ता अनुवादक: आशीष कुमार