भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विशापट्टनम में खेला गया पहला टी20 मुकाबला काफी रोमांचक रहा, जिसे मेहमान टीम ने आखिरी गेंद पर दो रन लेकर जीता और सीरीज में बढ़त भी बनाई। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 126-7 का स्कोर तो बनाया, जोकि इस विकेट पर काफी नहीं था। हालांकि गेंदबाजों ने बेहतरीन कार्य करते हुए अंतिम गेंद तक भारत को मैच में बनाए रखा।
ऑस्ट्रेलिया के लिए उनके गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, तो ग्लेन मैक्सवेल ने भी उपयोगी अर्धशतकीय पारी खेल टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। जसप्रीत बुमराह और फील्डर्स के शानदार प्रदर्शन के बावजूद भारत इस मैच को जीतने में कामयाब नहीं हुआ।
आइए नजर डालते हैं भारत को पहले मैच में मिली हार के मुख्य कारणों पर:
#5) बीच के ओवर में ज्यादा विकेट गंवाना
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रोहित शर्मा (5) का विकेट जल्दी गंवा दिया था। इसके बाद केएल राहुल और कप्तान विराट कोहली ने मिलकर पारी को संभाला और 55 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर टीम को बड़े स्कोर की ओर लेकर गए।
हालांकि 69 के स्कोर पर कोहली (24) के आउट होने के साथ ही भारतीय मध्यक्रम लड़खड़ा गया और 15 ओवर खत्म होते-होते टीम ने 100 के स्कोर तक 6 विकेट गंवा दिए थे। इस बीच केएल राहुल (50), ऋषभ पंत (3), दिनेश कार्तिक (1) और क्रुणाल पांड्या (1) आउट हो चुके थे। इससे ना सिर्फ रनरेट नीचे आया, बल्कि अंतिम ओवर्स में धोनी के रूप में एकमात्र सक्षम बल्लेबाज ही रह गया था।
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#4) अंतिम 5 ओवर में बड़े शॉट नहीं खेल पाना
15 ओवर की समाप्ति के बाद भारत का स्कोर 100-6 था और उस समय धोनी और उमेश यादव विकेट पर मौजूद थे। 17 ओवर खत्म होने तक भारत ने उमेश (2) का विकेट भी गंवा दिया और टीम का स्कोर सिर्फ 109 रन था। इसमें तारीफ ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की भी होनी चाहिए, जिन्होंने बीच के ओवर्स में दमदार काम करते हुए भारत के ऊपर दबाव बनाया।
धोनी ने इसके बाद स्ट्राइक को अपने पास रखना बेहतर समझा औऱ अपने साथ खेल रहे युजवेद्र चहल के ऊपर विश्वास नहीं दिखाया। धोनी ने प्रयास तो काफी किया, लेकिन इस बीच वो सिर्फ एक छक्का लगा पाए और वो भी आखिरी ओवर में ही आया। धोनी अगर एक-दो बड़े शॉट खेलने में कामयाब हो पाते, तो टीम का स्कोर 140 के पार पहुंच सकता था।
#3) धोनी का आखिरी ओवर की 5वीं गेंद पर दो रन नहीं लेना
भारतीय पारी के आखिरी ओवर में धोनी ने पूरा ओवर खेला और छक्का भी लगाया। हालांकि ओवर की 5वीं गेंद पर धोनी ने हवा में गेंद खेली, जोकि शॉर्ट फाइनलेग की तरफ गई, जिसे फील्डर पकड़ने में कामयाब नहीं हुआ। इस बीच धोनी ने रन नहीं लिया।
उस समय गेंद काफी देर तक हवा में ही थी और पूरा मौका था कि उस गेंद पर दो रन भागे जा सकते थे, लेकिन दबाव की स्थिति में धोनी ने रिस्क नहीं लिया और आखिरी गेंद पर वो बड़ा शॉट खेलने में नाकाम रहे। इस मैच में एक रन का महत्व काफी रहा और शायद धोनी अगर वो रन लेते, तो मैच का नतीजा भारत के पक्ष में आ सकता था।
#2) आखिरी ओवर में फील्डिंग
ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में जीतने के लिए 14 रनों की दरकार थी और उनके निचले क्रम के बल्लेबाजों ने दो चौके और अंतिम गेंद पर 2 रन लेकर टीम को रोमांचक जीत दिलाई। हालांकि भारत के पास दो ऐसे मौके आए, जब वो फील्डिंग से आसानी से रन बचा सकते थे, लेकिन अहम मौके पर उन्होंने काफी निराश किया। वैसे पूरे मैच में भारत के फील्डर्स ने बेहतरीन काम किया और दो रन आउट भी किए।
आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर उमेश ने झाई रिचर्डसन को बेहतरीन यॉर्कर डाली, जोकि मिडऑन की तरफ गई। इसके बाद उन्होंने 30 गज दायरे के अंदर से दो रन ले लिए। धोनी भी उस समय नाराज नजर आए, क्योंकि उमेश गेंद को पकड़ने के लिए नहीं भागे।
इसके बाद मैच की आखिरी गेंद पर भी उमेश को खुद गेंद को पकड़ना चाहिए था, लेकिन वो नाकाम रहे। साथ ही में लॉन्ग ऑन पर खड़े फील्डर ने भी सही थ्रो नहीं किया, जिसका खामियाजा भारत को हार के रूप में चुकाना पड़ा। भारत थोड़ा बेहतर काम फील्ड में दिखाता, तो यह मैच टाई नहीं तो जीत भी सकता था।
#1) उमेश यादव की गेंदबाजी
उमेश यादव के पास वापसी करने के बाद खुद को साबित करने का एक बेहतर मौका था, लेकिन इसका वो पूरी तरह से फायदा नहीं उठा पाए, जोकि भारत की हार की अहम वजह भी बनी। उमेश यादव का पहला ओवर काफी महंगा रहा था, जिसमें ग्लेन मैक्सवेल ने उनके खिलाफ बड़े शॉट खेले थे।
हालांकि इसके बाद दूसरा और तीसरा ओवर उनका अच्छा रहा, जिसके बाद कप्तान ने उन्हें आखिरी ओवर डालनी की जिम्मेदारी दी, जहां उनके पास 14 रन बचाने के लिए थे और सबसे खास बात उस समय दोनों ही नए बल्लेबाज विकेट पर मौजूद थे।
उमेश ना सिर्फ 14 रनों का बचाव कर पाए, बल्कि उन्होंने दो खराब गेंद भी डाली, जिसका फायदा पैट कमिंस और रिचर्डसन ने पूरी तरह से उठाया। उमेश अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए थोड़ा बेहतर गेंद करते, तो शायद भारत यह मुकाबला नहीं हारता।