भारत ने ऑकलैंड में खेले गए दूसरे टी20 मैच में न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने 3 मैचों की सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। भारतीय टीम ने ये मैच बेहद आसानी से अपने नाम किया लेकिन इस मैच के दौरान डीआरएस के फैसले को लेकर एक बड़ा विवाद भी देखने को मिला।
दरअसल न्यूजीलैंड पारी के छठे ओवर में क्रुणाल पांड्या की गेंद पर डैरेल मिचेल के खिलाफ पगबाधा की अपील हुई और अंपायर ने तुरंत मिचेल को आउट करार दे दिया। इसके बाद मिचेल ने दूसरे छोर पर मौजूद अपने कप्तान केन विलियम्सन से सलाह मशविरा के बाद डीआरएस का प्रयोग किया। थर्ड अंपायर ने कई एंगल से रीप्ले को देखा। हॉटस्पॉट में जहां दिख रहा था कि शायद गेंद बल्ले को लगकर पैड में लगी थी, लेकिन आरटीएस (रियल टाइम स्निको) में ऐसा कुछ भी नहीं दिखा। कई बार रीप्ले देखने के बाद तीसरे अंपायर शॉन हेग ने बल्लेबाज को आउट करार दे दिया।
इसके बाद केन विलियम्सन और डैरेल मिचेल हैरान रह गए और इसका विरोध किया। मिचेल तीसरे अंपायर द्वारा आउट करार दिए जाने के बावजूद मैदान में मौजूद रहे। चुंकि हॉटस्पॉट में बल्ले पर कुछ हरकत दिख रही थी, इसलिए विलियम्सन और मिचेल का मानना था कि वो आउट नहीं हैं। इसके बाद रोहित शर्मा और केन विलियम्सन के बीच कुछ बात हुई और अंपायरों से भी बात हुई। हालांकि आखिर में मिचेल को वापस पवेलियन लौटना पड़ा।
क्या कहते हैं नियम ?
डिसीजन रिव्यू सिस्टम के 3.3.6 के नियम के मुताबिक 'अगर टेक्नॉलजी का प्रयोग करने के बावजूद भी थर्ड अंपायर इसको लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि मैदान पर मौजूद अंपायर के फैसले को बदला जा सके तो फिर उन्हें फील्ड अंपायर के फैसले पर ही बने रहना होगा। तीसरे अंपायर को पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहिए और ऐसा होने पर ही वो किसी फैसले को पलट सकता है।'
Get Cricket News In Hindi Here.
Published 08 Feb 2019, 16:32 IST