Indian Cricketer Life Struggle: अन्य देशों के बजाय भारत में क्रिकेट प्रेमी ज्यादा हैं। भारतीय फैंस अपने फेवरेट क्रिकेटर के इस तरह दीवानें होते हैं कि वह उनका स्टाइल तक फॉलो करने लग जाते हैं। अपने फेवरेट क्रिकेटर के जीवन के बारें में उनकी लव- लाइफ उनका बचपन, क्रिकेट करियर के बारें में जानने के लिए काफी उत्सुक रहते हैं।
इसी कड़ी में आपको ऐसे तीन भारतीय क्रिकेटर्स के जीवन के बारें में बताएंगे जिन्होंने बेहद गरीबी से निकलकर क्रिकेट की दुनिया में अलग पहचान बनाई। इन्होंने अपनी पहचान बनाने के साथ- साथ क्रिकेट की जीत का परचम भी लहराया।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। धोनी ने अपने जुनून और क्रिकेट के प्रति लगाव के दम पर अपने बल्ले का कमाल पूरी दुनिया में दिखाया और आज वो भारत के 5 सबसे अमीर खिलाड़ियों में शामिल हैं। आपको बता दें कि धोनी ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। उनके पिता एक प्राइवेट नौकरी किया करते थे। पिता को परिवार पालने के लिए संघर्ष करता देख धोनी ने भी अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए कुछ वक्त के लिए टीटी की नौकरी की थी।
भारतीय क्रिकेटर रविंद्र जडेजा
आज के समय में रविंद्र जडेजा किसी पहचान के मोहताज नहीं है। आज उनके पास नाम और शोहरत दोनों हैं। लेकिन एक दौर वो भी थी जब उन्हें छोटी से छोटी चीज के लिए अपना मन मारना पड़ता था। जडेजा ने अपने बचपन में बहुत ही गरीबी देखी। रविंद्र जडेजा के पिता एक प्राइवेट कंपनी में चौकीदार की नौकरी किया करते थे। चौकीदारी की नौकरी में शौक को पूरी करना दूर की बात है, घर खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। लेकिन जडेजा ने गरीबी को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दिया। रविंद्र जडेजा का बचपन बहुत ही गरीबी और कठिनाइयों में बीता, मगर आज उन्होंने क्रिकेट जगत में अपनी खास जगह बना ली है और पूरे देश में उनके लाखों फैंस हैं।
भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भले ही आज के वक्त में लग्जरी लाइफ जी रहे हों लेकिन एक वक्त था जब वीरेंद्र सहवाग के पिता घर खर्च चलाने के लिए भी संघर्ष करते थे। सहवाग के पिता गेहूं के व्यापारी थे और उनका सामूहिक परिवार था। लगभग 50 लोग एक ही छत के नीचे रहते थे। सहवाग ने अपना बचपन बेहद गरीबी में बिताया। इतना ही नहीं वह अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए 84 किलोमीटर का सफर तय करते थे। वीरेंद्र सहवाग ने अपने दम पर क्रिकेट में अपनी खास जगह बनाई।