एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अब तक भारत के लिए 210 खिलाड़ी खेल चुके हैं। लेकिन इनमें से सभी ने अपने करियर को ऊंचाई नहीं दी थी। भारतीय टीम में मौका पाने के लिए काफी कठिन मेहनत करने की जरूरत होती है। इस वजह से कुछ ही खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर अपनी छाप छोड़ने में सफल हो पाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय घरेलू क्रिकेट से काफी ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है। 210 भारतीय खिलाड़ियों में बहुत ही कम ऐसे नाम हैं, जिन्हें इतिहास के किताब में सफल क्रिकेट के तौर पर जगह मिली है। हालांकि जो कुछ नाम हैं, वे लोगों की यादों में तो कम ही रहेंगे लेकिन वह अपने देश के लिए खेलने के सपने को पूरा करने में सफल रहे। दिलचस्प बात ये है कि कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने साथ में डेब्यू किया था। लेकिन आज की तारीख उनके करियर पर नजर डालें तो जमीन आसमान का अंतर है। आइये आज हम आपको ऐसे ही 5 क्रिकेटर जोड़ियों के बारे में बता रहे हैं, जिनके करियर में काफी अंतर है: #1 एमएस धोनी और जोगिन्दर शर्मा साल 2004 में भारत और बांग्लादेश के बीच जो सीरिज हुई थी। उसमें भारत की तरफ से एक युवा विकेटकीपर और एक तेज गेंदबाज़ ने वनडे में डेब्यू किया था। जिसमें जोगिन्दर शर्मा जिन्होंने टी-20 विश्वकप के फाइनल मैच में मिस्बाह-उल-हक़ को आउट किया था। इसके आलावा भारत को दो विश्वकप ख़िताब दिला चुके एमएस धोनी ने इसी मैच से अपना करियर शुरू किया था। धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं, इसमें कोई दो राय नहीं है। वह दुनिया के एक मात्र क्रिकेट कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी के सभी ख़िताब जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह टीम इंडिया के सभी प्रारूप में कप्तान रह चुके हैं। साथ ही उन्होंने 20000 से ज्यादा रन भी बनाये हैं। रांची में पैदा हुए इस क्रिकेटर ने 600 से ज्यादा विकेट के पीछे शिकार किये हैं। वहीं जोगिन्दर शर्मा ने टी-20 वर्ल्डकप में पाकिस्तान के खिलाफ जोहान्सबर्ग में वह आखिरी एतिहासिक गेंद फेंकी थी। जिसकी वजह से भारत विश्व चैंपियन बना था। रोहतक के इस दायें हाथ के तेज गेंदबाज़ ने भारत के लिए 8 वनडे मैच खेले थे। साथ ही वह इस वक्त कानून के रखवाले हैं। #2 आर अश्विन और पंकज सिंह 5 जून 2010 में श्रीलंका के खिलाफ हरारे में तीन देशों की प्रतियोगिता में भारतीय टीम प्रबन्धन ने दो नये गेंदबाजों को टीम में मौका दिया था। इन दोनों खिलाड़ियों ने आईपीएल के उस सीजन में बेहतरीन खेल दिखाया था। आर अश्विन और पंकज सिंह ने इस मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। जिसके बाद 2011 में आर अश्विन को वर्ल्ड कप की टीम में भी चुना गया था। चेन्नई में पैदा हुए इस ऑफ स्पिनर ने अब तक 350 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लिए हैं। और इस वक्त वह टीम इंडिया के अभिन्न अंग हैं। उन्ही के साथ पंकज सिंह ने डेब्यू किया था और उन्हें काफी प्रतिभावान युवा खिलाड़ी माना जाता था। लेकिन दिलचस्प की बात ये है कि पंकज सिंह के लिए ये मैच उनका आखिरी मैच साबित हुआ। उन्हें साल 2014 में इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में वापस बुलाया गया था। जहाँ उन्होंने दो टेस्ट मैच खेले थे। #3 गौतम गंभीर और अविष्कार साल्वी 11 अप्रैल 2003 में भारत और मेजबान बांग्लादेश के बीच ढाका के बंगबंधु नेशनल स्टेडियम में मुकाबला हुआ था। जिसमें दो भारतीय युवा खिलाड़ियों ने अपना डेब्यू किया था। गौतम गंभीर को वीरेन्द्र सहवाग के साथ बतौर सलामी बल्लेबाज़ और अविष्कार साल्वी को ज़हीर खान के साथ नई गेंद का साझीदार बनाया गया था। जिसमें गौतम गंभीर दो बार की विश्वविजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे साथ ही उन्होंने आईपीएल में केकेआर की सफल कप्तानी भी कर रहे है। उन्होंने भारत के लिए सभी प्रारूप में खेला है। साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तकरीबन दस हजार रन बनाये हैं। हालाँकि उनके साथ में डेब्यू करने वाले अविष्कार साल्वी ने मात्र 4 वनडे मुकाबले खेले। मुंबई में पैदा हुए इस क्रिकेटर ने अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 2012 में बंगाल के खिलाफ खेला था। #4 सुरेश रैना और वेणुगोपाल राव 30 जुलाई 2005 में इंडियन आयल कप सीरिज में भारत की तरफ दो खिलाड़ियों श्रीलंका के खिलाफ दाम्बुला में अपना डेब्यू किया था। इस मैच में भारतीय टीम ने 205 रन बनाये थे लेकिन मजबूत श्रीलंकाई टीम ने इस मैच को 3 विकेट से जीत लिया था। इस मैच में सुरेश रैना और वेणुगोपाल राव ने डेब्यू किया था। जिन्होंने घरेलू सीजन में अच्छा खेल दिखाया था। सुरेश रैना ने इस मैच में 2 गेंदें खेली थीं और वह 0 रन बनाकर आउट हो गये थे। उत्तर प्रदेश के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को साल 2011 के विश्वकप में टीम में शामिल किया गया था। साल 2013 वह चैंपियंस ट्राफी जीतने वाली भारतीय टीम में अहम भूमिका निभाई थी। रैना ने सभी प्रारूप में मिलाकर तकरीबन 8 हजार अंतर्राष्ट्रीय रन बनाये हैं। इसके आलावा उन्हें सीमित ओवर में मध्यक्रम का बेहतरीन आक्रामक बल्लेबाज़ माना जाता है। वेणुगोपाल राव ने अपने डेब्यू मैच में महत्वपूर्ण 38 रन बनाये थे। लेकिन वह भारत के लिए सिर्फ 15 मैच ही खेल पाए। एक समय ये भी माना जाता था कि वह महान सौरव गांगुली के अच्छे रिप्लेसमेंट साबित हो सकते हैं। लेकिन वह ऐसा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। #5 सचिन तेंदुलकर और सलिल अंकोला साल 1989 में भारत ने पाकिस्तान का यादगार दौरा किया था। इस दौरे पर भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ ने बेहतरीन गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने डेब्यू किया था। 28 दिसम्बर 1989 में पाकिस्तान के गुजरांवाला में दूसरे वनडे में भारत के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर के साथ तेज गेंदबाज़ सलिल अंकोला ने डेब्यू किया था। मुंबई के दायें हाथ के युवा बल्लेबाज़ सचिन ने अपने पहले मैच में मात्र दो ही गेंदें खेली थीं। जहाँ उन्होंने एक भी रन नहीं बनाया था। लेकिन आज की तारीख में लोग उन्हें सबसे बेहतरीन क्रिकेटर मानते हैं। सचिन टेस्ट और वनडे मिलाकर सबसे ज्यादा 34 हजार के करीब रन बनाये हैं। वह दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाये हैं। वही सलिल अंकोला ने इस वर्षाबाधित मैच में 2 विकेट लिए थे। शोलापुर में पैदा हुए इस खिलाड़ी ने भारत के लिए मात्र 20 मैच खेले थे। इसके आलावा उन्होंने भारत के लिए एक टेस्ट मैच भी खेला था। अंकोला ने अपना आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 1996-97 में में 28 साल की उम्र में खेला था। इसके बाद वह अभिनय की दुनिया में चले गये थे। लेखक: सैकत, अनुवादक: मनोज तिवारी