भारतीय टीम (Indian Team) ने वनडे क्रिकेट आने के बाद तेजी से इस प्रारुप में विकास किया। शुरू से लेकर अब तक भारतीय टीम में धाकड़ बल्लेबाज आए हैं और यह सिलसिला जारी है। किसी भी टीम में बेहतर बल्लेबाज और गेंदबाज के बाद फील्डर की भूमिका अहम रहती है। इन सबके मिश्रण से ही एक टीम मजबूत बनती है और जीत भी हासिल होती है। बल्लेबाजों की भूमिका बल्लेबाजी के समय अहम रहती है, तो गेंदबाजी के समय यह बागडौर गेंदबाजों के हाथ में होती है। भारतीय टीम को दोनों क्षेत्रों के कारण बड़ी सफलताएँ मिली है।
वनडे क्रिकेट शुरू होने के एक दशक बाद भारतीय टीम ने कपिल देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को लॉर्ड्स में हराकर वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उसका बाद इस टीम में दिग्गज खिलाड़ी आए और बेहतर खेल दिखाते चले गए। अब भी कई धाकड़ खिलाड़ी इस टीम में मौजूद है। इस आर्टिकल में ऑल टाइम मैच विनर खिलाड़ियों की बात की गई है जिन्होंने भारतीय टीम को सफलता के शिखर तक पहुंचाया। नाम कई है लेकिन यहाँ तीन खिलाड़ियों के बारे में बताया गया है।
भारतीय टीम के 3 ऑल टाइम मैच विनर
युवराज सिंह
भारतीय टीम के इस धाकड़ खिलाड़ी का योगदान सभी को याद रहेगा क्योंकि युवी ने 2011 वर्ल्ड कप में धाकड़ खेल दिखाया था। उन्होंने बल्ले के अलावा गेंद से भी कमाल किया था। 300 से ज्यादा वनडे खेलने वाले युवराज ने मध्यक्रम में खेलते हुए 8000 से ज्यादा रन टीम के लिए बनाए और कई मौकों पर लक्ष्य का पीछा करते हुए रन बनाए।
विराट कोहली
वर्तमान क्रिकेट में बेस्ट बल्लेबाज विराट कोहली का नाम इस लिस्ट में होना लाजमी है। भारतीय टीम को काफी बार लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली ने जीत दिलाई है। वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 10000 रन बनाने वाले कोहली भारतीय बल्लेबाजी की नींव है। उन्होंने अकेले दम पर काफी मैच जिताए हैं और आगे भी ऐसा होने की उम्मीद है।
सचिन तेंदुलकर
एक समय ऐसा था जब भारतीय टीम की बल्लेबाजी सचिन तेंदुलकर के कंधों पर टिकी होती थी। सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम के लिए 1996 और 2003 वर्ल्ड कप में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए दो बार गोल्डन बैट पर कब्जा जमाया है। भारतीय टीम के लिए उन्होंने 2011 वर्ल्ड कप में भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी। सचिन तेंदुलकर ने पारी की शुरुआत करते हुए कई बार टीम इंडिया की जीत की इबारत लिखी।