21 अप्रैल 2012 को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली डेयरडेविल्स और पुणे वॉरियर्स इंडिया के बीच मुकाबला हुआ था। इस मैच में पुणे वॉरियर्स के कप्तान सौरव गांगुली ने जबरदस्त ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाई थी। विकेट लेने के बाद दादा का सेलिब्रेशन काफी फेमस हुआ। गांगुली के प्रदर्शन के कारण ही वीरेंदर सहवाग की पारी बेकार गई थी।
दिल्ली कैपिटल्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया था। रॉबिन उथप्पा चौथे ही ओवर में 26 के स्कोर पर आउट हो गए थे। इसके बाद कप्तान सौरव गांगुली और जेसी राइडर के बीच 93 रनों की बेहतरीन साझेदारी हुई और टीम के स्कोर को 100 के पार लेकर गए। दादा ने 35 गेंदों में एक छक्के और 5 चौकों की मदद से 41 रन बनाए। वो 119 के स्कोर पर आउट हुए। अंत में पुणे ने जेसी राइडर (86) और स्टीव स्मिथ (34*) रनों की बदौलत 192-3 का विशाल स्कोर खड़ा किया।
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193 रनों का पीछा करने उतरी दिल्ली डेयलडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) को वीरेंदर सहवाग ने शानदार शुरुआत दिलाई और इस बीच उन्होंने केविन पीटरसन का अच्छा साथ मिला। हालांकि दादा ने पहले 87 के स्कोर पर पीटरसन (32 रन) और फिर 114 के स्कोर पर इरफान पठान (15 रन) के विकेट झटकाते हुए दिल्ली को बड़े झटके दिए। दादा ने पीटरसन को आउट करने के बाद जबरदस्त सेलिब्रेशन किया था। सहवाग ने 32 गेंदों में 4 छक्के और 5 चौकों की मदद से 57 रन बनाए, लेकिन वो टीम को जीत नहीं दिला पाए।
अंत में दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम 20 ओवरों के बाद 172-7 का स्कोर ही बना पाई और 20 रनों से इस मैच को हार गए। सौरव गांगुली को 41 रन और 2 विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। गांगुली ने एक कैच भी पकड़ा।