रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए आईपीएल 2019 की शुरूआत बेहद खराब रही है, अब तक खेले गये अपने सभी 4 मैच वो हार गए हैं और इस प्रकार दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम और नंबर दो वनडे टीम के कप्तान विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए कप्तानी का 100वां मैच यादगार नहीं बना सके। जयपुर में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ कोहली बल्ले से ही नहीं कप्तानी में भी पूरी तरह विफल रहे।
सनराइजर्स हैदराबाद से 118 रनों की बड़ी हार के चलते अंक तालिका में इस टीम का सबसे खराब नेट रन रेट है। अब तक इस टीम के बड़े नाम और युवा खिलाड़ी एक टीम के रूप में मिलकर प्रदर्शन करने में विफल रहे हैं।
व्यक्तिगत प्रदर्शन आपको कुछ मैच जिता सकते हैं, लेकिन खिताब हमेशा पूरी टीम के प्रदर्शन द्वारा जीते जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों से आरसीबी के लिए यह समस्या रही है, क्योंकि वे विराट कोहली और एबी डीविलियर्स पर निर्भर हैं। बैंगलोर-स्थित फ्रैंचाइज़ी अभी भी अपने पहले आईपीएल खिताब की तलाश में हैं।
आइए उन बदलावों पर एक नज़र डालें जिनसे यह टीम अपने प्रदर्शन को बेहतर कर इस सीज़न में अपनी संभावनाएं बनाये रख सकता है।
1. बल्लेबाजी क्रम में निरंतरता लाना
4 मैच बाद भी अभी तक आरसीबी अपना बल्लेबाजी क्रम तय नही कर पाया है। पार्थिव पटेल ने अब तक तीन अलग अलग जोड़ीदारों के साथ पारी की शुरुआत की है। कोहली, मोइन अली और शिमरोन हेटमायर को अभी तक मौके मिले हैं, लेकिन किसी को भी स्थायी रूप से इस भूमिका के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।
ऐसे में कप्तान कोहली को जल्द से जल्द इस समस्या को हल करने और स्थिर बल्लेबाजी क्रम की तलाश करने की जरूरत है, खासकर ऊपरी बल्लेबाज़ी में।
Hindi Cricket News, सभी मैच के क्रिकेट स्कोर, लाइव अपडेट, हाइलाइट्स और न्यूज स्पोर्टसकीड़ा पर पाएं
2. एक विश्वसनीय फिनिशर तलाश करना
आरसीबी ने इस सीज़न शिवम दूबे को फिनिशर की भूमिका दी है, जिनका प्रदर्शन घरेलू टूर्नामेंट में असाधारण रहे हैं। लेकिन दूबे के पास आईपीएल जैसे बड़े मंच पर खेल के अनुभव का अभाव है और वह अभी भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट के अनुरूप ढल नही पायें हैं।
बेंगलौर ने पिछले साल ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर मार्कस स्टोइनिस को टीम में शामिल किया था। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण पहले तीन मैचों के लिए वह उपलब्ध नही थे और चौथे मैच में जब वो मैदान पर उतरे तो उनके बल्ले में वो धार नज़र नही आई।
फिर भी आरसीबी के लिए स्टोइनिस एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हो सकते हैं क्योंकि वह फिनिशर हो सकते हैं जिनकी उन्हें मध्य क्रम में आवश्यकता होती है, और वह गेंद के साथ भी योगदान देते हैं। ऐसे में आरसीबी को इन दोनों खिलाड़ियों को एक साथ टीम में खिलाना होगा, जिससे कि वे अंतिम ओवेरों में अपनी बल्लेबाज़ी की समस्या सुलझा सके।
3. अंतिम ओवरों में गेंदबाजी विशेषज्ञ की तलाश करना
हमेशा से आरसीबी की गेंदबाजी उसकी कमजोर कड़ी रही है और इस बार भी कहानी अलग नही है। टूर्नामेंट में अंतिम पांच ओवरों में आरसीबी की सबसे खराब इकॉनमी दर है, ऐसे में यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ टिम साउथी को अभी तक नहीं आजमाया है। उमेश यादव और मोहम्मद सिराज अच्छे गेंदबाज हैं, लेकिन वे अंतिम ओवरों में काफी रन खर्च करते हैं और यही वजह है कि यदि बीच के ओवरों में गेंदबाजी करने वाले चहल के ओवेरों को हटा दें तो यह गेंदबाजी आक्रमण अब तक विफल नज़र आया है।
नाथन कूल्टर-नाइल के भी आरसीबी कैंप में शामिल होने के बाद, उनके या साउथी में से एक को टीम में जगह मिलने की उम्मीद की जाती है। ऐसे में कोहली को उम्मीद होगी कि गेंदबाजी में कुछ बदलाव कर वह अंतिम ओवेरों में खराब गेंदबाजी की समस्या को हल कर सकें।