# 2. अपने साथी खिलाड़ियों को प्रेरित नहीं कर पाना
एक कप्तान का काम न केवल फील्ड सेट करना और गेंदबाजी में बदलाव करना है, बल्कि खिलाड़ियों को प्रेरित करना भी है। अभी कोहली के साथ ऐसा नहीं है, क्योंकि वह जिन खिलाड़ियों के साथ खेल रहे हैं, वे खेल के स्तर के मामले में उनसे बहुत नीचे हैं और वह इन खिलाड़ियों को वह बेहतर स्तर की क्रिकेट खेलने में सक्षम नहीं कर पाए हैं।
यदि टीम से एबी डीविलियर्स और चहल को हटा दें तो कोई भी अन्य खिलाड़ी कोहली के स्तर की बराबरी करने के करीब भी नही दिखता।
कोहली जिस तरह वह फील्ड पर आक्रामकता के साथ खेलते हुए दिखाई देते है, उन जैसे खिलाड़ी का बाकी खिलाड़ियों से भी वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद करना गलत नहीं है। भारतीय टीम में उनके पास रोहित शर्मा और धोनी जैसे साथी खिलाड़ी है, जो समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करते रहते हैं, लेकिन यहाँ वह अकेले दिखते हैं।