किंग्स इलेवन पंजाब की टीम इंडियन प्रीमियर लीग की असफल टीमों में से एक है। पिछले सीजन की तरह इस सीजन भी किंग्स इलेवन पंजाब टीम ने शानदार शुरुआत किया था लेकिन आधे सीजन के बाद इनके हार का सिलसिला शुरू हो गया। केएल राहुल, क्रिस गेल, डेविड मिलर, मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन सितारों से सजी यह टीम इस 2014 के बाद प्लेऑफ में जगह बनाने में असफल रही है।
इस टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह से क्रिस गेल और केएल राहुल पर निर्भर लग रही थी जबकि गेंदबाजी मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन पर निर्भर थी।
किंग्स इलेवन पंजाब टीम अपने पहले 6 मैचों तक अच्छे फॉर्म में थी लेकिन अगले 6 मैचों में इनका प्रदर्शन खराब रहा। यह टीम कुछ ऐसे खिलाड़ियों पर निर्भर थी जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं था। मध्यक्रम में बल्लेबाजों के लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद भी कप्तान आश्विन का करुण नायर जैसे शानदार खिलाड़ी को सिर्फ एक मैच में मौका देना प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
खराब मध्यक्रम बल्लेबाजी, पावरप्ले में अधिक रन न बनाना, अंतिम 4 ओवरों में खराब बल्लेबाजी और डेथ ओवरों में अधिक रन खर्च करना किंग्स इलेवन पंजाब टीम की सबसे बड़ी कमजोरी रही। जिस कारण यह टीम प्लेऑफ में क्वालीफाई नहीं कर पाई।
लेकिन हम आपको 3 ऐसे अनसोल्ड खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो किंग्स इलेवन पंजाब टीम को प्लेऑफ तक पहुंचा सकते थे।
#3. लियाम डॉसन:
इंग्लैंड के ऑलराउंडर लियाम डॉसन ऐसे खिलाड़ी हैं जिनको सभी कप्तान अपने टीम में रखना चाहते हैं। वे किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 6वें नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते थे, जबकि 3-4 ओवर गेंदबाजी भी कर सकते थे।
लियाम डॉसन ने टी20 क्रिकेट में 128 पारियों में 110 विकेट चटकाए हैं, जबकि उनकी इकोनॉमी 7.32 की है। इसके अलावा बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 19.21 की औसत और 115 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
किंग्स इलेवन पंजाब इस सीजन कई मैचों में मात्र 5 गेंदबाजों को लेकर मैदान पर उतरी थी। लेकिन अगर लियाम डॉसन इस टीम का हिस्सा होते तो उन्हें गेंदबाजी और मध्यक्रम बल्लेबाजी दोनों में मजबूती मिलती।
#2.मोर्नी मोर्कल:
दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल पिछले कुछ सालों से आईपीएल का हिस्सा नहीं हैं। यह काफी चौंकाने वाली बात है कि मोर्नी मोर्कल को खरीदने में किसी फ्रेंचाइजी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। मोर्कल इस समय रॉयल लंदन वनडे कप खेल रहे हैं जिसमें उन्होंने 6 मैचों में 13 विकेट चटकाए हैं।
किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से इस सीजन एंड्रयू टाई और हार्डस विल्जोइन प्रभावशाली नहीं रहे हैं। दोनों गेंदबाजों ने 9 रन प्रति ओवर से अधिक रन दिए हैं। ऐसे में मोर्नी मोर्कल का अनुभव किंग्स इलेवन पंजाब के लिए बहुत काम आता। मोहाली की पिच उछाल वाली थी और बाउंडरी भी अधिक दूर थी जिसको संभालना कम अनुभवी गेंदबाजों के बस का नहीं था।
मोर्नी मोर्कल ने अब तक 172 टी20 मैचों में हिस्सा लिया है जिसमें उन्होंने 20.3 की औसत से कुल 190 विकेट अपने नाम किए हैं। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 7.55 की रही है।
#1. बेन मैकडरमोट:
24 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज बेन मैकडरमोट एक मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं जो चौथे-पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी करते हैं। बेन मैकडरमोट के अंदर लंबी पारी खेलने की क्षमता है। पिछले कुछ सालों से वे बिग बैश लीग में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलने का मौका भी मिला।
बेन मैकडरमोट ने अब तक टी20 क्रिकेट में 40 पारियों में बल्लेबाजी की है जिसमें उन्होंने 32.23 की औसत से 756 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 131.2 का रहा है। उन्होंने इस सीजन बिग बैश लीग में होबार्ट हरिकेन्स का प्रतिनिधित्व करते हुए 37.6 की औसत से रन बनाए हैं।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम अंतिम 4 ओवरों में अच्छे रन रेट से रन नहीं बना सकी। उनका इस सीजन उनका अंतिम ओवरों में रनरेट 10 से नीचे का रहा। मध्यक्रम में डेविड मिलर अच्छे फॉर्म में नहीं है जबकि निकोलस पूरन कभी भी अंतिम तक मैच नहीं ले जा सके। अगर बेन मैकडरमोट किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा होते तो वे इस समस्या को भी सुलझा सकते थे।