टीम का वातावरण
किसी भी टीम की सफलता के लिए यह जरूरी होता है कि मैदान के बीच सभी खिलाड़ियों के बीच कैसा वातावरण है। मुंबई की टीम में यह चीज बखूबी देखने को मिलती है। इस टीम का प्रत्येक खिलाड़ी अपनी टीम के पक्ष में जिस तरह से बोलता है और उसके लिए जिस तरह से खेलता है। उससे यह स्पष्ट होता है कि टीम का वातावरण खिलाड़ियों के पक्ष में है।
साथ ही टीम के मालिक और टीम के कप्तान की ओर से बनाया गया माहौल भी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर असर डालता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि जब पहले दो लीग मैच के बाद मुंबई को 6 दिन का समय मिला था, तो उनके बीच 4 दिन टीम के खिलाड़ियों को छुट्टी दी गई। इसी वजह से मुंबई ने अपने अगले मुकाबले में चेन्नई सुपरकिंग्स को करारी मात दी थी और लगातार जीत और कुछ हार के बाद फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
रोहित शर्मा की कप्तान के रूप में क्षमता
रोहित शर्मा ने अपने कार्यकाल में टीम को आईपीएल का चैंपियन भी बनाया, जो यह साबित करता है कि उनके अंदर एक कुशल कप्तान बनने की क्षमता है। यही नहीं रोहित को इस टीम की कप्तानी मिलने के बाद उनकी और टीम दोनों की किस्मत बदल गई। जिस तरह से रोहित शर्मा कप्तानी करते हैं और अपने खिलाड़ियों की क्षमता का इस्तेमाल करते हैं। वह बेहद सराहनीय है।
इसका सबसे बढ़िया उदाहरण चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 7 मई को पहले क्वालिफायर मैच के दौरान देखने को मिला। उस दौरान जसप्रीत बुमराह के 18वें और 20वें ओवर को छोड़कर किसी भी अन्य गेंदबाज को ट्रॉटपर दो ओवर नहीं दिए गए। इस बदलाव ने काम किया और रोहित शर्मा की टीम ने चेन्नई को हराकर फाइनल में जगह बना ली।