क्रिकेट के महाकुंभ कहे जाने वाले आईपीएल के 12वें सीजन का आगाज हो गया। इस सीजन का पहला मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच चखेला गया। टॉस धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता और पहले गेंदबाजी का निर्णय लिया। फैसला गलत साबित हुआ और आरसीबी की टीम विकेट 7 विकेट से मैच हार गई। पहले मैच में विराट कोहली की टीम का यह प्रदर्शन निराशाजनक रहा है ऐसे में हम इस आर्टिकल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की हार के पांच बड़े कारण के ऊपर नजर डालेंगे:
#1 बल्लेबाजों का लचर प्रदर्शन
आरसीबी की टीम की जब भी चर्चा होती है टीम की बल्लेबाजी को हमेशा से मजबूत बल्लेबाजी क्रम के तौर पर शुमार किया जाता है। वनडे के विश्व नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली और धाकड़ बल्लेबाज एबी डीविलियर्स से सजी इस टीम की बल्लेबाजी का किला इस मैच में ढ़हता नजर आया।
लंबे हिट्स की उम्मीद लेकर आए दर्शकों के लिए आरसीबी की पारी निराशा भरी रही। बल्लेबाजी की शुरुआत करने आए विराट कोहली और पार्थिव पटेल के बीच महज 16 रन की साझेदारी हो पाई और विराट कोहली 6 रन बनाकर पवेलियन लौट तो पार्थिव पटेल 29 रन बनाए। पटेल ने इस दौरान 33 गेंदों में 2 चौकों की मदद से 29 रन टीम के खाते में जोड़े। पटेल के अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया।
डीविलयर्स ने 10 गेंदों में महज 9 रन बनाए। शिमरोन हेटमायर (0), शिवम दुबे (2), कॉलिन डी ग्रैंडहोम (4), नवदीप सैनी (2), उमेश यादव (0) और युजवेंद्र चहल ( )4 रन ही टीम के खाते में जोड़ पाए और पूरी टीम 70 रनों पर सिमट गई।
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#2 स्पिनर्स की शानदार गेंदबाजी
आरसीबी की बल्लेबाजी के सामने चेन्नई के गेंदबाजों के लिए बड़ी चुनौती थी। चेन्नई के स्पिनर्स ने मैच में जबरदस्त प्रदर्शन किया। लंबे समय के बाद मैदान पर उतरे हरभजन सिंह ने बेहतरीन गेंदबाजी की। उन्होंने 4 ओवर में 20 रन देकर आरसीबी के तीन महत्वपूर्ण विकेट आउट किए। उनके आलावा इमरान ताहिर की गेंदबाजी वाकई कमाल रही और उन्होंने 4 ओवर में 1 ओवर मेडन फेंकते हुए 9 रन देकर अपने खाते में तीन विकेट जोड़े। बैंगलोर की टीम स्पिनर्स के सामने असहज दिखाई दिए और 9 विकेट चेन्नई के स्पिन गेंदबाज ने ही लिए।
#3 विराट कोहली का टॉस हारना
विराट कोहली का टॉस हारना भी टीम की हार के कारण के अहम कारणों में से एक रहा। इस मैदान की पिच पहले से ही ड्राई थी और कयास लगाए जा रहे थे कि मैदान पर फिरकी गेंदबाजों को मदद मिलेगी ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पिच का मिजाज समझने के लिए पहले गेंदबाजी ही चुनती।
आरसीबी के लिए हार का एक कारण यह भी रहा कि टीम के बल्लेबाजों ने पूरा 20 ओवर नहीं खेल पाए। मैदान पर बल्लेबाज अपना विकेट फेंकते नजर आए और 17.1 में ही पूरी टीम सिमट गई। टीम अगर 40-50 रन और जोड़ पाती तो मैच में वापसी के मौके बनने के आसार रहते।
#4 आरसीबी का छोटा स्कोर
70 रन के स्कोर को डिफेंड करने के लिए गेंदबाजों को जल्दी विकेट निकालना जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ चेन्नई की टीम को शेन वॉटसन के रूप में पहला झटका 8 रन पर जरूर लगा लेकिन इसके बाद चेन्नई की पारी को अंबाती रायडू और सुरेश रैना ने संभाल लिया और आरसीबी की टीम के गेंदबाजों के हाथ कुछ देर के लिए खाली दिखे।
इस दौरान दोनों ने 40 रन की साझेदारी भी की। जबतक आरसीबी के गेंदबाज विकेट निकालते तबतक देर हो चुकी थी। सुरेश रैना 19 रन बनाकर मोइन अली को अपना विकेट दे बैठे। अबांती रायडू ने 28 रन बनाए। छोटा स्कोर होने के कारण आरसीबी इसे डिफेंड नहीं कर पाया। चेन्नई ने यह मैच 17.4 ओवर में अपने नाम कर लिया।
#5 चेन्नई का होम ग्राउंड
चेन्नई को होम ग्राउंड होने का भी काफी फायदा मिला। होम ग्राउंड पर अभ्यास के साथ-साथ चेन्नई फैन्स का प्रेशर भी आरसीबी के प्रदर्शन पर असर का कारण रहा। बैंगलोर की टीम को चेन्नई में आखिरी जीत 2008 में मिली थी।
शायद बैंगलोर के ऊपर चेन्नई के क्राउड का दबाव भी देखने को मिला, जोकि उनकी हार का एक अहम कारण भी रहा।