आईपीएल की बहुचर्चित टीमों में से एक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम इस सीजन भी प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर लगातार तीसरे सीजन प्लेऑफ में जगह नहीं बना पाई। इससे पहले आरसीबी ने 2016 के फाइनल में जगह बनाई थी जिसमें उसे डेविड वॉर्नर की अगुवाई वाली सनराइज़र्स हैदराबाद ने 7 रन से हराया था।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ने आखिरी मैच जीतकर अपना 2019 का सीजन समाप्त किया। अभी वो अंक तालिका में 7वें स्थान पर है लेकिन अगर किंग्स इलेवन पंजाब चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जीत हासिल कर लेती है तो रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का यह सीजन अंतिम स्थान पर रहकर समाप्त होगा। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आईपीएल 2008 में 8वें स्थान पर अपना सीजन समाप्त किया था, जबकि साल 2017 में उन्होंने 7वें स्थान पर रहकर सीजन समाप्त किया था।
आरसीबी के खराब प्रदर्शन का कारण उसका मध्यक्रम था जो लगभग फ्लॉप ही दिखा जिसके कारण टीम को बड़ा लक्ष्य स्थापित करने और बड़े लक्ष्य को हासिल करने में समस्या होती थी। इसके अलावा गेंदबाजों ने भी खराब प्रदर्शन किया। हालांकि युजवेंद्र चहल और नवदीप सैनी ने इस सीजन काफी प्रभावित किया।
आज हम आपको ऐसे 5 खिलाड़ियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो इस सीजन अनसोल्ड रहे लेकिन अगर उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा होना चाहिए था। उनके उपस्थिति से टीम अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी।
#5. अनिकेत चौधरी:
बाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज अनिकेत चौधरी साल 2017 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा थे। बैंगलोर ने उन्हें ऑक्शन में 2 करोड़ रुपये में खरीदा था। अनिकेत चौधरी ने उस सीजन कुल 5 मैचों में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 28.80 की औसत से 5 विकेट चटकाए थे। अनिकेत चौधरी को ज्यादा मौके न मिल पाने के कारण वे रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए कुछ अच्छा नहीं कर पाए। अनिकेत चौधरी ने कुल 44 टी20 मैचों में हिस्सा लिया है जिसमें उन्होंने 21.88 की औसत से 54 विकेट चटकाए है। अनिकेत राजस्थान के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं
#4. टॉम करन:
सैम करन के बड़े भाई टॉम करन एक गेंदबाजी ऑलराउंडर हैं। उन्हें पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स ने मिचेल स्टार्क की जगह टीम में शामिल किया था। उन्होंने पिछले सीजन 5 मैचों में 19.66 की औसत से 6 विकेट चटकाए थे। इसके बाद वे इस सीजन अनसोल्ड रहे। टॉम करन ने इस सीजन बिग बैश लीग में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 14 मैचों में 19.85 की औसत से 20 विकेट चटकाए थे। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 7.65 की रही। टॉम करन अगर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा होते तो वे अच्छी गेंदबाजी और बल्लेबाजी कर सकते थे और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को मजबूती प्रदान कर सकते थे।
#3. जेम्स फॉकनर:
अनुभवी ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर जेम्स फॉकनर लगातार 2 वर्षों से अनसोल्ड रहे हैं। अगर फॉकनर बैंगलोर टीम का हिस्सा होते तो उनकी नए गेंदबाजी की समस्या का समाधान हो जाता, साथ ही जेम्स फॉकनर बल्लेबाजी भी कर सकते थे। जेम्स फॉकनर के नाम आईपीएल में 59 मैचों में 30.13 की औसत से 60 विकेट दर्ज हैं जबकि बल्लेबाजी में भी 21.08 की औसत से 527 रन दर्ज हैं जिसमें वे 20 बार नॉटआउट रहे हैं।
जेम्स फॉकनर के पास टी20 मैचों का बेहतर अनुभव है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों को मिलाकर कुल 211 टी20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 250 विकेट चटकाए हैं जबकि 1848 रन भी बनाए हैं।
#2. मनोज तिवारी:
अनुभवी खिलाड़ी मनोज तिवारी इस सीजन अनसोल्ड रहे थे, उनकी बेस प्राइस 50 लाख रुपये थी। अगर मनोज तिवारी को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर फ्रेंचाइजी खरीद लेती तो उनकी मध्यक्रम वाली परेशानी समाप्त हो सकती थी।
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने ऑक्शन में 5 करोड़ रुपये में शिवम दूबे को और 3.60 करोड़ रुपये में अक्षदीप नाथ को खरीदा था। उन्हें टीम में मौका देकर आजमाया भी गया लेकिन वे भी फ्लॉप साबित रहे। मनोज तिवारी ने साल 2017 में पुणे की ओर से शानदार प्रदर्शन किया था। मनोज तिवारी का अनुभव रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए मध्यक्रम में काम आ सकता था। मनोज तिवारी के नाम 98 मैचों में 28.72 की औसत से और 116.97 की स्ट्राइक रेट से 1695 रन दर्ज हैं। उन्होंने आईपीएल में 7 अर्धशतक भी लगाए हैं।
#1. केन रिचर्डसन:
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज केन रिचर्डसन इससे पहले आईपीएल में पुणे वॉरियर्स (2013), राजस्थान रॉयल्स (2014) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (2016) जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। केन रिचर्डसन ने साल 2016 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से खेलते हुए 4 मैचों में 7 विकेट चटकाए थे। उन्होंने आईपीएल के 14 मैचों में 24.61 की औसत से 18 विकेट लिए हैं।
केन रिचर्डसन का हालिया बिग बैश सीजन अच्छा गुजरा था। वे इस सीजन सर्वधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में पहले स्थान पर थे। उन्होंने इस सीजन 14 मैचों में 17.70 की औसत से 24 विकेट चटकाए थे। जबकि उस दौरान उनकी इकोनॉमी 7.75 की रही। अगर केन रिचर्डसन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम का हिस्सा होते तो वे गेंदबाजी पक्ष को मजबूत कर सकते थे।