इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन जैसे-जैसे आरसीबी का कारवां आगे बढ़ता जा रहा, उसके आत्मविश्वास और प्रदर्शन दोनों में इजाफा नज़र आ रहा। टूर्नामेंट में अब तक चार मैच खेल चुकी आरसीबी ने तीन मैचों में कब्जा किया जबकि एक मुकाबले में उसे हार का सामना करना पड़ा। ये पहला खिताब का सपना संजोए विराट कोहली एंड कंपनी के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है, जिसे वे बरकरार रखना चाहेंगे।
बैंगलोर ने अपने पहले मुकाबले में 2016 की खिताब विजेता सनराइजर्स हैदराबाद को 10 रनों के अंतर से हराया। इसके बाद अगले ही मैच में उसका बल्लेबाजी क्रम किंग्स इलेवन पंजाब ने पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया और 207 रनों के लक्ष्य के सामने आरसीबी महज 109 रनों पर बिना 20 ओवर खेले ही सिमट गई।
हालांकि इसके बाद टीम को जोरदार वापसी की और मुंबई इंडियंस जैसी मजबूत टीम को टक्कर देने के बाद सुपर ओवर में हराया। चौथे मैच में वो हुआ जिसका आरसीबी फैंस को टूर्नामेंट के शुरुआत से इंतजार था, यानि कि विराट कोहली का अपने फॉर्म में लौटना। राजस्थान रॉयल्स से मिले 155 रनों के लक्ष्य को एक विकेट नुकसान पर टीम ने आसानी से हासिल कर लिया और 8 विकेट से शानदार जीत दर्ज की।
इस लेख में हम जानने की कोशिश करेंगे कि टूर्नामेंट में आरसीबी की शुरुआती 3 जीत के पीछे 3 कारण क्या रहे हैं:-
#1 पहली जीत
टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में हैदराबाद ने टॉस जीतकर बैंगलोर को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया था, जिसके बाद आरसीबी ने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 163 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी सनराइजर्स हैदराबाद की टीम लक्ष्य से 10 रन पहले 153 रनों पर ही सिमट जाती है और विराट कोहली की टीम पहली जीत का स्वाद लेती है।
जीत का कारण- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ओर से डेब्यू करने वाले देवदत्त पडिक्कल के अर्द्धशतक का आरसीबी की जीत में अहम योगदान रहा। लेकिन 163 रन जैसे स्कोर को डिफेंड करने में सबसे बड़ी भूमिका युजवेंद्र चहल ने निभाई। जब बेयरस्टो और मनीष पांडे बढ़िया साझेदारी कर रहे थे, तभी कप्तान कोहली ने चहल को गेंद थमाई। चहल ने पहले पांडे को फिर बेयरस्टो और विजय शंकर को बोल्ड आउट करके पवेलियन की राह दिखाई। जिसके बाद एसआरएच पर दबाव बना और ऑरेंज आर्मी अच्छी शुरुआत के बावजूद मैच हार गई। चहल ने इस मैच में 4 ओवर में 18 रन देकर 3 विकेट लिए जो जीत का कारण भी बना।