IPL 2020 - केकेआर में कप्तानी के बदलाव को लेकर गौतम गंभीर ने दी बड़ी प्रतिक्रिया

गौतम गंभीर
गौतम गंभीर

कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर ने टीम में कप्तानी के बदलाव पर हैरानी जताई है। दिनेश कार्तिक द्वारा इयोन मोर्गन को कप्तानी सौंपने के फैसले से गौतम गंभीर हैरान हैं। गंभीर के मुताबिक बीच सीजन कप्तान बदलने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि टीम अपने आधे मैच खेल चुकी है।

गौतम गंभीर ने ये बयान कोलकाता नाइट राइडर्स और मुंबई इंडियंस के बीच अबुधाबी में हुए मुकाबले के दौरान दिया। ये कप्तान के तौर पर इयोन मोर्गन का इस सीजन पहला मैच था। स्टार स्पोर्ट्स पर गौतम गंभीर ने कहा,

क्रिकेट में रिलेशनशिप का कोई महत्व नहीं होता है, यहां पर केवल परफॉर्मेंस और ईमानदारी के ही मायने होते हैं। मुझे नहीं लगता कि इयोन मोर्गन कुछ बड़ा चेंज टीम में कर सकते हैं। अगर उन्हें टूर्नामेंट की शुरुआत में ही कप्तानी मिल गई होती तो वो कुछ कर सकते थे। टूर्नामेंट के बीच में आकर कोई भी कप्तान ज्यादा कुछ नहीं कर सकता है। कोच और कप्तान के बीच अच्छा रिलेशनशिप होना जरुरी है।

गौतम गंभीर ने दिनेश कार्तिक के कप्तानी छोड़ने के फैसले पर हैरानी जताई। उनके मुताबिक बीच सीजन में आकर उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। केकेआर के पूर्व कप्तान ने कहा,

मैं इस फैसले से हैरान हूं। वो ढाई साल से केकेआर की कप्तानी कर रहे हैं और बीच में आकर आप इस तरह से कप्तानी नहीं छोड़ सकते हैं। केकेआर इतनी खराब स्थिति में भी नहीं है कि उन्हें कप्तानी में बदलाव की जरुरत थी। इसीलिए इस फैसले से मुझे हैरानी हुई।

गौतम गंभीर के मुताबिक इयोन मोर्गन को आईपीएल के शुरु में ही कप्तान बना देना चाहिए था

गंभीर के मुताबिक अगर इयोन मोर्गन को टीम का कप्तान बनाना ही था तो टूर्नामेंट के शुरुआत में ही ये फैसला लिया जाना चाहिए था। अब आधे आईपीएल के दौरान कप्तान बदलने से दिनेश कार्तिक के ऊपर काफी दबाव आ गया है। उन्होंने कहा,

अगर केकेआर की टीम कप्तानी में बदलाव चाहती थी तो उन्हें ये काम आईपीएल शुरु होने से पहले ही कर लेना चाहिए था। अगर एक वर्ल्ड कप विनिंग कप्तान के आपकी टीम में होने को लेकर इतनी बात होती है तो फिर इससे दिनेश कार्तिक के ऊपर काफी दबाव आ गया है। ऐसे में शुरुआत में ही मोर्गन को कप्तानी क्यों नहीं दे दी गई क्यों कार्तिक के ऊपर इतना प्रेशर पड़ा। जब कोई कहता है कि मुझे अपनी बैटिंग पर फोकस करना है तो वो सुनने में बड़ा अच्छा लगता है लेकिन असलियत कुछ और होती है।

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