IPL 2021 - गौतम गंभीर ने टीम में उप-कप्‍तान की भूमिका पर जोर देते हुए जमकर निकाली भड़ास

गौतम गंभीर भारतीय टीम के उप-कप्‍तान रह चुके हैं
गौतम गंभीर भारतीय टीम के उप-कप्‍तान रह चुके हैं

टीम इंडिया (India Cricket team) के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की कुछ टीमों ने अपने उप-कप्‍तान को तैयार करने का मौका गंवा दिया।

केकेआर के पूर्व कप्‍तान गंभीर ने ध्‍यान दिलाया कि व्‍यवस्‍था इस आधार पर उप-कप्‍तान को चुनती है कि वह कप्‍तान की जगह लेने का खतरा नहीं बने।

गंभीर ने कहा, 'मैं अच्‍छे नेता और उनकी विरासत के लिए हूं, लेकिन मेरे लिए टीम में नंबर-2 सबसे महत्‍वपूर्ण बहस है। मुझे भरोसा नहीं कि हम अपने क्रिकेट में उप-कप्‍तान को पर्याप्‍त महत्‍व देते हैं कि नहीं।'

गौतम गंभीर ने आगे कहा, 'किसी भी अच्‍छी मशीनरी, संस्‍था या टीम में नंबर-2 होता है, जो अपना ईगो और सपने ऑफिस के सामने रखे कचरे के डिब्‍बे में डाल देता है। वहां से वो नंबर-1 के दृष्टिकोण को लेकर चलने में व्‍यस्‍त होता है और संस्‍थान के लिए बड़ी पिक्‍चर पर ध्‍यान देने लगता है।'

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के लिए लिखे अपने कॉलम में गौतम गंभीर ने लिखा, 'दुर्भाग्‍यवश हमारी प्रणाली में उप-कप्‍तान इस आधार पर चुना जाता है कि वह विनम्र कितना है। अगर वह कप्‍तान की जगह का खतरा है तो उसे भूमिका नहीं सौंपी जाती है। आईपीएल में इस समय कुछ टीमों ने अपने नंबर-2 को तैयार करने का मौका गंवा दिया। यह मेरे लिए आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीतने से बड़ी बाधा है।'

इससे ऐसा हो सकता है कि टीम बीच-सीजन में कप्‍तानी में बदलाव को लेकर संघर्षरत है और जरूरत के समय अनुभवी विदेशी विकल्‍पों पर जा रही हैं।

गौतम गंभीर आईपीएल में सबसे सफल कप्‍तानों में से एक रहे हैं, जिनके नेतृत्‍व में केकेआर ने दो बार खिताब जीते हैं। इसके अलावा भारतीय टीम में वह एमएस धोनी और वीरेंदर सहवाग के उत्‍तराधिकारी रहे हैं। मौका मिलने पर उन्‍होंने भारतीय टीम की कप्‍तानी भी की।

अनिल कुंबले भारत के लिए उप-कप्‍तान के उदाहरण: गौतम गंभीर

गौतम गंभीर ने भारतीय उप-कप्‍तान के रूप में अनिल कुंबले की तारीफ की और बताया कि कैसे लेग स्पिनर निस्‍वार्थ होने के बावजूद बहुत प्रतिस्‍पर्धी थे।

गौतम गंभीर ने कहा, 'मेरे समय में मैंने अनिल कुंबले को देखा जो भारत के आदर्श उप-कप्‍तान थे। वह हमेशा निस्‍वार्थ और बहुत प्रतिस्‍पर्धी थे। वह हमेशा टीम परंपरा को आगे लेकर चलने के लिए तैयार रहते थे। यह शर्मनाक है कि कुंबले लंबे समय तक भारत का नेतृत्‍व नहीं कर सके।'

2007 में राहुल द्रविड़ ने कप्‍तानी छोड़ी थी, जिसके बाद अनिल कुंबले ने भारतीय टेस्‍ट टीम की अगुवाई की थी। उन्‍होंने एक साल तक टीम का नेतृत्‍व किया और फिर 2008-09 में घर में बॉर्डर-गावस्‍कर ट्रॉफी में संन्‍यास की घोषणा की थी।

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