राजस्थान रॉयल्स और केकेआर (RR vs KKR) के बीच मुकाबले के दौरान जिस तरह से दो गेंदों को वाइड करार दिया गया वो एक चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच आईपीएल में आरसीबी के पूर्व कप्तान डेनियल विट्टोरी ने एक चौंकाने वाला सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि वाइड के ऐसे मामले में जिसमें खिलाड़ियों के मन में शंका हो उसमें उन्हें डीआरएस लेने की छूट मिलनी चाहिए।
दरअसल जब केकेआर की टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ टार्गेट का पीछा कर रही थी तो 19वें ओवर में अंपायर ने दो वाइड दिए जो काफी चर्चा का विषय बन गई। चूंकि केकेआर के बल्लेबाज रिंकू सिंह अपनी क्रीज से निकलकर ऑफ स्टंप की तरफ आ गए थे, इसलिए सबको लगा कि ये वाइड गेंद नहीं थी। राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन ने अम्पायर से बात भी की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कमेंट्री बॉक्स में बैठे लोगों ने भी कहा कि वो गेंद वाइड नहीं थी लेकिन अम्पायरों ने वाइड दे दी। ट्विटर पर फैंस का भी कहना था कि अंपायर ने गलत फैसला दिया है और वो वाइड गेंद नहीं थी।
खिलाड़ियों को मिले वाइड के लिए डीआरएस लेने का मौका - डेनियल विट्टोरी
राजस्थान रॉयल्स की टीम भले ही ये मुकाबला हार गई लेकिन खराब अंपायरिंग के लिए अंपायरों की काफी आलोचना हुई। वहीं डेनियल विट्टोरी का मानना है कि इस तरह के मामलों के लिए भी डीआरएस होना चाहिए।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो पर बातचीत के दौरान उन्होंने कहा " निश्चित तौर पर प्लेयर्स को इन अहम मौकों पर वाइड के लिए रिव्यू लेने का मौका मिलना चाहिए। हमने कई बार देखा है कि इस तरह के मामलों में फैसला गेंदबाज के खिलाफ जाता है। इसलिए खिलाड़ियों को वो अधिकार मिलना चाहिए ताकि उस गलती को सुधारा जा सके। डीआरएस इसीलिए लाया गया था ताकि गलतियों में सुधार हो सके। मैं चाहता हूं कि वाइड के लिए भी डीआरएस लेने की अनुमति मिले। खिलाड़ियों को पता होता है कि क्या सही है और ज्यादातर वो सही साबित होते हैं।"