बीती रात दिल्ली कैपिटल्स (DC) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 के मुकाबले में काफी विवाद देखने को मिला। मैच के आखिरी ओवर में दिल्ली की टीम ने मैदानी अंपायर्स के फैसले का जमकर विरोध किया था। कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की अगुवाई में टीम के खिलाड़ियों से लेकर कोच तक ने अंपायरों के निर्णय के खिलाफ जमकर असंतोष जाहिर किया था।
पंत ने अपने बल्लेबाजों से वापस आने को कह दिया तो वहीं असिस्टेंट कोच प्रवीण आमरे तो मैदान में घुस गए थे। अब अंपायरों का विरोध करने वाले लोगों पर बीसीसीआई की तरफ से कड़ी कार्यवाही की गई है। दिल्ली के कप्तान पंत और असिस्टेंट कोच आमरे पर 100 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा शार्दुल ठाकुर पर भी मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। इन सबके अलावा कोच आमरे को एक मैच के लिए बैन भी किया गया है। तीनों लोगों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
मैच के बाद अपने व्यवहार को लेकर क्या बोले थे पंत?
मैच समाप्त होने के बाद पंत ने कहा था कि वह नो-बॉल उनकी टीम के लिए अमूल्य साबित हो सकती थी, लेकिन इस पर उनका कोई जोर नहीं है। उन्होंने आगे कहा था,
निराश हूं, लेकिन इसको लेकर कुछ कर नहीं सकता। पूरा डगआउट काफी निराश था क्योंकि यह करीबी मामला भी नहीं था और पूरे ग्राउंड के लोगों ने यह देखा था। मेरे हिसाब से तीसरे अंपायर को मामले में दखल देना था और इसे नो-बॉल करार देना था। आमरे को मैदान में भेजना सही नहीं था, लेकिन जो हमारे साथ हुआ वह भी सही नहीं है। जो भी हुआ वह माहौल की गर्मी में हो गया, लेकिन इसमें दोनों पक्षों की गलती है। हम इसलिए काफी निराश थे क्योंकि पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमने काफी अच्छी अंपायरिंग देखी है।