IPL 2025 Update: आईपीएल में पिछले कुछ समय से विदेशी खिलाड़ियों के सीजन की शुरुआत से पहले नाम वापस लेने का सिलसिला देखने को मिल रहा है। लीग के 17वें सीजन में जेसन रॉय और कई अन्य खिलाड़ियों ने ऐसा किया, जिससे सम्बंधित टीम को अपने कॉम्बिनेशन को सही करने में परेशानी हुई। अब इस परेशानी से निपटने के लिए सभी फ्रेंचाइजी ने इस तरह के खिलाड़ियों पर 2 साल का बैन लगाने का सुझाव दिया, जो ऑक्शन में खरीदे जाने के बाद, बिना किसी वैध कारण के अपना नाम वापस ले लेते हैं।
आईपीएल से नाम वापस लेना खिलाड़ियों को पड़ेगा महंगा
आईपीएल की कई टीमें विदेशी खिलाड़ियों के निजी कारणों का हवाला देकर नए सत्र से हटने से प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के हटने का टीम के प्रदर्शन पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है क्योंकि इन विदेशी नामों को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की जाती है और उनकी अचानक अनुपलब्धता के कारण फ्रेंचाइजी के पास विदेशी खिलाड़ियों में रिप्लेसमेंट चुनने के लिए ज्यादा विकल्प भी नहीं होते हैं।
हालांकि, सभी फ्रेंचाइजी ने कुछ विशेष स्थिति में खिलाड़ी को स्क्वाड ना ज्वाइन करने की छूट भी दी है। जैसे अगर किसी खिलाड़ी को उसके बोर्ड द्वारा मना किया जाता है या फिर इंटरनेशनल मैच खेलने हों। इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है या फिर उसके अपने पारिवारिक कारण हैं।
मिनी ऑक्शन में डायरेक्ट एंट्री पर रोक लगाने का भी सुझाव दिया गया
आईपीएल में हमने अक्सर देखा है कि कई बार खिलाड़ी मिनी ऑक्शन में सीधे आते हैं और महंगे दामों में बिक जाते हैं। इसका हालिया उदाहरण ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क हैं, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में हुए ऑक्शन में 24 करोड़ से भी ज्यादा की रकम मिली। वहीं, आईपीएल 2022 से पहले हुए मेगा ऑक्शन में सबसे महंगे खिलाड़ी को 16 करोड़ से भी कम रुपये मिले थे। इसी वजह से फ्रेंचाइजी चाहती हैं कि बड़े खिलाड़ी सीधे मेगा ऑक्शन में आएं और अगर नहीं बिकते हैं तो फिर मिनी ऑक्शन में शामिल हों। हालांकि, या शर्त नए खिलाड़ियों के लिए नहीं हैं।
आपको बता दें कि 31 जुलाई को मुंबई में बीसीसीआई और सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिकों की मीटिंग हुई, जिसमें मेगा ऑक्शन और लीग संबंधी कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बीसीसीआई ने सभी सिफारिशों को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के समक्ष रखने की बात कही है।