Kavya Maran's recommendations at the IPL owners meeting: आईपीएल में हैदराबाद फ्रेंचाइजी की सह-मालकिन और टीम की सीईओ काव्या मारन ने बुधवार को मुंबई में हुई बीसीसीआई के साथ सभी फ्रेंचाइजी की मीटिंग में हिस्सा लिया। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य आईपीएल 2025 मेगा ऑक्शन को लेकर सभी फ्रेंचाइजी से विचार-विमर्श करना था, ताकि खिलाड़ियों को रिटेन करने से लेकर पर्स वैल्यू समेत कई अन्य मुद्दों पर सभी की सहमति बन सके। हालांकि, मीटिंग के दौरान फ्रेंचाइजी के बीच मेगा ऑक्शन को लेकर अलग-अलग मत देखने को मिले। कुछ टीम मालिकों ने मेगा ऑक्शन होने का विरोध किया, जिसमें काव्या मारन का नाम भी शामिल है। इसके अलावा कुछ विशेष सुझाव भी दिए।
काव्या मारन ने मेगा ऑक्शन को लेकर जताया ऐतराज
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताया जा रहा है कि आईपीएल 2025 से पहले मेगा ऑक्शन के लिए कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिक शाहरुख खान के साथ-साथ काव्या मारन भी पक्ष में नहीं हैं। इसके पीछे मारन ने अहम वजह का जिक्र करते हुए कहा,
"एक टीम बनाने में बहुत समय लगता है और जैसा कि चर्चा की गई है, युवा खिलाड़ियों को परिपक्व होने में काफी समय और निवेश भी लगता है। अभिषेक शर्मा को अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने में तीन साल लग गए। आप इस बात से सहमत होंगे कि अन्य टीमों में भी ऐसे कई उदाहरण हैं।"
बता दें कि आईपीएल 2024 का फाइनल कोलकाता नाइट राइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के ही बीच खेला गया था, जिसमें केकेआर ने बाजी मारी थी। इन दोनों ही टीम के पास कई शानदार खिलाड़ी हैं, जिसकी वजह से इन्हें मेगा ऑक्शन के होने से नुकसान हो सकता है।
आईपीएल से हटने वाले खिलाड़ियों पर की बैन की मांग
इंडियन प्रीमियर लीग में पिछले कुछ सीजन से देखा गया है कि कई खिलाड़ी ऑक्शन में अपना नाम देते हैं और जब उन्हें किसी फ्रेंचाइजी द्वारा खरीद लिया जाता है तो फिर वह अंतिम समय पर टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लेते हैं। इस तरह के खिलाड़ियों पर काव्या मारन ने बैन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा,
"ऑक्शन में चुने जाने के बाद अगर कोई खिलाड़ी चोट के अलावा किसी और कारण से सीजन खेलने नहीं आता है तो उस पर बैन लगा देना चाहिए। यदि कोई खिलाड़ी ऑक्शन में कम राशि में बिकता है और बाद में खेलने नहीं आता, यह कॉम्बिनेशन और टीम के संतुलन को प्रभावित करता है। इस तरह से विदेशी खिलाड़ियों के नहीं आने के कई उदाहरण हैं।"
इसके अलावा काव्या मारन ने अन्य सुझावों के रूप में खिलाड़ियों की रिटेंशन संख्या को कम से कम 7 करने को कहा है। उनके मुताबिक, इन खिलाड़ियों पर किसी भी तरह की शर्त नहीं होनी चाहिए और फ्रेंचाइजी को अपने हिसाब से चुनने का अधिकार मिलना चाहिए। वहीं, उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत कर रिटेन होने या फिर आरटीएम के जरिये वापस खरीदे जाने के विकल्प होने का भी सुझाव दिया। इसके अलावा, मेगा ऑक्शन को हर 5 साल में कराने की बात कही।
आपको बता दें कि बीसीसीआई ने मीटिंग के बाद एक मीडिया रिलीज में बताया कि उसने सभी फ्रेंचाइजी से उनके फीडबैक ले लिए हैं और अब इन्हें आईपीएल गवर्निंग काउन्सिल के सामने रखेगी। ताकि किसी भी तरह के नियम को बनाने से पहले सभी चीजें स्पष्ट हो जाएं।