IPL 2025 SRH Player Aniket Verma Journey:आईपीएल 2024 की शुरुआत हो गई है, इस आईपीएल जहां कई खिलाड़ी अनसोल्ड रहे वहीं कई नए खिलाड़ियों को मौका मिला। लेकिन आईपीएल तक पहुंचना हर किसी के लिए इतना आसान नहीं होता है। आईपीएल कहे या किसी भी लीग के लिए चयन होना आसान नहीं हैं। इसी कड़ी में हम आपको आईपीएल फ्रैन्चाइजी सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाड़ी की संघर्ष कहानी के बारे में बताएंगे। इस सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद ने अभी तक एक ही मैच खेला है। लेकिन इससे पहले अनिकेत वर्मा सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल, इस खिलाड़ी के आईपीएल तक पहुंचने की संघर्ष भरी कहानी किसी भी युवा के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। अनिकेत ने मात्र साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया था, सौतेली मां की वजह से पिता भी अनिकेत से दूर गए। आर्थिक समस्याओं को झेलते हुए आज अनिकेत जिस मुकाम पर हैं वह पूरी दुनिया के सामने हैं। पढ़ें अनिकेत वर्मा की लाइफ के कुछ किस्से।भोपाल के रहने वाले हैं अनिकेत वर्माआईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाड़ी अनिकेत मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के रहने वाले हैं। अनिकेत बचपन से ही अपने जीवन में संघर्ष कर रहे हैं, तीन साल की उम्र में अनिकेत की मां गुजर गईं थीं, मां के जाने के कुछ साल बाद उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। सौतेली मां के आने के बाद अनिकेत धीरे-धीरे अपने पिता से भी दूर हो गए। इसके बाद वह अपने चाचा अमित वर्मा के साथ रहने लगे। बचपन से ही अनिकेत अपने चाचा के करीब रहे हैं। View this post on Instagram Instagram Postअनिकेत का उनके चाचा ने 10 साल की उम्र में पहली बार क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन कराया था। साथ ही उन्होंने अनिकेत की सभी जरुरतों को पूरा किया, इसके बाद अनिकेत ने अपनी कड़ी मेहनत से आईपीएल तक का सफर तय किया है। बता दें कि अनिकेत वर्मा एमपी प्रीमियर लीग में अपनी शानदार बल्लेबाजी की वजह से चर्चा का विषय बन गए थे। उन्होंने इस दौरान सिर्फ 32 गेंदों में शतक जड़ दिया था, उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए आईपीएल मेगा ऑक्शन में हैदराबाद ने उन्हें 30 लाख रूपये में खरीदा था।अनिकेत के जीवन में उनके चाचा का अहम योगदानएक न्यूज चैनल से बात करते हुए अनिकेत ने बताया कि जब भी मुझे किसी भी चीज की जरूरत होती थी, मैं सिर्फ चाचा से कहता था और वे कहीं से भी ला देते थे वे फाइनेंसली उतने स्ट्रांग नहीं थे। इसके बावजूद उन्होंने मुझे किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी। वे अपनी जरूरतें खुद पूरी नहीं कर पाते थे, लेकिन मेरी जरूर पूरी करते थे।’ मेरे जीवन में मेरे चाचा का अहम योगदान हैं, मैं आज जो भी हूं उन्ही की वजह से हूं।