इंडियन प्रीमियर लीग के अब तक के 12 सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने एक बार भी खिताब नहीं जीता है। हालांकि टीम 3 बार फाइनल तक जरुर पहुंची है लेकिन तीनों ही बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। सबसे पहले 2009 में केविन पीटरसन की अगुवाई में टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2011 में डेनियल विट्टोरी और 2016 में विराट कोहली की कप्तानी में टीम फाइनल में पहुंची लेकिन खिताब नहीं जीत पाई।
ये भी पढ़ें: न्यूजीलैंड दौरे तक वापसी कर सकते हैं हार्दिक पांड्या
आरसीबी के लिए अब तक कई दिग्गज खिलाड़ी खेल चुके हैं, जिन्होंने टीम को कई बार जीत दिलाने में अपना अहम योगदान दिया। हालांकि कई ऐसे भी दिग्गज खिलाड़ी रहे जो आरसीबी की तरफ से उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन दूसरी टीमों में जाने के बाद उन्होंने कमाल का खेल दिखाया।
आइए जानते हैं वो कौन से 3 खिलाड़ी हैं, जिन्होंने आरसीबी से निकलने के बाद दूसरी टीमों के लिए शानदार प्रदर्शन किया:
क्विंटन डी कॉक:
दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक का नाम भी इस लिस्ट में आता है। साल 2018 की नीलामी में आरसीबी ने डी कॉक को 2.8 करोड़ में खरीदा था। उन्होंने उस सीजन टीम के लिए 8 मैच खेले, जिसमें वो 25.12 की औसत से मात्र 201 रन ही बना पाए। उन्होंने इन 8 मैचों में मात्र एक अर्धशतक बनाया।
इसके बाद 2019 के ट्रांसफर विंडो में मुंबई इंडियंस ने क्विंटन डी कॉक को 2.8 करोड़ रुपए में ही आरसीबी से ट्रेड कर लिया। मुंबई इंडियंस में जाते ही डी कॉक ने जबरदस्त खेल दिखाया। उन्होंने मुंबई इंडियंस की तरफ से 2019 के सीजन में 16 मैचों में 35.26 की औसत और 132.91 की स्ट्राइक रेट से 529 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 4 अर्धशतक लगाए और अपनी टीम को आईपीएल का खिताब जिताने में अहम भूमिका अदा की।
के एल राहुल
के एल राहुल ने अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2013 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए ही की थी। हालांकि इसके बाद 2014 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। उन्होंने 2016 के सीजन में एक बार फिर से आरसीबी की टीम में वापसी की। उस सीजन उन्होंने 14 मैचों में 397 रन बनाए। उनका प्रदर्शन तो अच्छा रहा लेकिन विराट कोहली और एबी डीविलियर्स जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के पीछे छिप गया। ये बात खुद उन्होंने अपने एक बयान में कही।
के एल राहुल कंधे की चोट की वजह से 2017 के सीजन में नहीं खेले और आरसीबी ने उन्हें अगले सीजन के लिए रिटेन नहीं किया। 2018 की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने 11 करोड़ की भारी-भरकम रकम देकर उन्हें खरीदा। उन्होंने टीम मैनजेमेंट के इस फैसले को सही भी साबित किया। 2018 के सीजन में के एल राहुल ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए ओपनिंग करते हुए 14 मैचों में 54.91 की औसत और 158.41 की शानदार स्ट्राइक रेट से 659 रन बनाए। उन्होंने पहले मैच में ही दिल्ली के खिलाफ आईपीएल इतिहास का सबसे तेज अर्धशतक जड़ दिया।
2019 के सीजन में भी के एल राहुल का प्रदर्शन काफी शानदार रहा। उन्होंने 14 मैचों में 53.90 की औसत और 135.38 की स्ट्राइक रेट से 593 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक भी जड़ा।
शेन वॉटसन
पूर्व दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने 2016 की नीलामी में अपनी टीम में शामिल किया था। उन्होंने उस सीजन टीम के लिए 16 मैचों में मात्र 179 रन बनाए। 36 रन उनका उच्चतम स्कोर रहा। हालांकि इसके बावजूद आरसीबी ने उन्हें ना केवल अगले सीजन के लिए रिटेन किया, बल्कि विराट कोहली की अनुपस्थिति में कुछ मैचों में टीम का कप्तान भी बनाया। लेकिन वॉटसन 2017 के सीजन में भी आरसीबी के लिए फ्लॉप रहे। उन्होंने उस सीजन 8 मैचों में 11.83 की साधारण औसत के साथ मात्र 71 रन बनाए।
इसके बाद 2018 की नीलामी से पहले आरसीबी ने उन्हें रिलीज कर दिया और चेन्नई सुपर किंग्स ने वॉटसन को अपनी टीम में शामिल किया। चेन्नई में जाते ही वॉटसन ने जबरदस्त खेल दिखाया और 2018 के सीजन में 15 मैचों में 555 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से एक शतक भी निकला और उनका स्ट्राइक रेट 154.59 का रहा। उन्होंने टूर्नामेंट के फाइनल में बेहतरीन शतक लगाकर चेन्नई सुपर किंग्स को तीसरी बार आईपीएल ट्रॉफी दिला दी। इसके बाद 2019 के सीजन में भी उन्होंने 17 मैचों में 398 रन बनाए।