पूर्व भारतीय खिलाड़ी इरफ़ान पठान ने अपने डेब्यू ऑस्ट्रेलिया दौरे को याद करते हुए अहम खुलासा किया है। इरफ़ान पठान ने कहा कि सौरव गांगुली उस दौरे के लिए मुझे टीम में नहीं लेना चाहते थे। इसके अलावा इरफ़ान पठान ने यह भी कहा कि उस दौरे पर पहली बार मैं वसीम अकरम से मिला जिन्हें मैं आदर्श मानता था। इरफ़ान पठान ने कई और बातें अपने उस दौरे को लेकर बताई।
स्पोर्ट्स तक से बातचीत करते हुए इरफ़ान पठान ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरा समाप्त होने वाला था तब सौरव गांगुली ने मुझे कहा कि मैं तुम्हे नहीं लाना चाहता था। सौरव गांगुली ने कहा कि मैं चाहता था कि किसी उन्नीस साल के के लड़के को इतने मुश्किल दौरे पर नहीं लाना चाहिए। जब मैंने तुम्हे देखा तब मुझे लगा कि हाँ यह अच्छा करेगा।
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इरफ़ान पठान ने एक अहम बात कही
इरफ़ान पठान ने एक और बात सौरव गांगुली में यह कही कि उन्होंने मुझे सपोर्ट किया। दादा के बारे में एक अच्छी बात थी कि अगर वे किसी खिलाड़ी को पसंद करते थे तो पूरी तरह उसका समर्थन करते थे। उन्हें लगता था कि एक खिलाड़ी टीम के लिए अपना श्रेष्ठ दे रहा है, वे उसके पीछे खड़े रहते थे। जब कोई कप्तान आकर आपको कहे कि मुझे तुम पर भरोसा है, तब आप भी उनका बहुत सम्मान करना शुरू कर देते हो।
इरफ़ान पठान ने कहा कि मैं वसीम अकरम से पहली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही मिला था। मैं उन्हें अपना आदर्श मानता था। क्रिकेट में मेरे पहले आदर्श कपिल देव थे। वे महान ऑल राउंडर, लीडर और स्विंग वाले गेंदबाज थे। भारत में खेलना इतना आसान नहीं होता है। पाकिस्तान में कूकाबुरा गेंद होती है लेकिन कपिल देव ने अपने समय में नाम और भूमिका बनाई, वह सराहनीय है। मैंने उनको काफी फॉलो किया है।
उल्लेखनीय है कि इरफ़ान पठान ने पहले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर युवा उम्र में काफी प्रभावित किया था। उन्होंने मैथ्यू हेडन को वहां आउट किया था। पाकिस्तान में जाकर भी उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया और टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक भी प्राप्त की।