कर्नाटक के विकेटकीपर बल्लेबाज लवनिथ सिसौदिया (Luvnith Sisodia) ने पिछले साल कॉरपोरेट वनडे टूर्नामेंट में केवल 129 गेंदों में 312 रन बनाए थे। अब सिसौदिया मेगा ऑक्शन से पहले कुछ आईपीएल (IPL) फ्रेंचाइजी के रडार पर हैं।
स्टाइलिश,आक्रामक और दिलदार ये ऐसे गुण हैं जो सिसौदिया को बयां करते हैं। सिसौदिया का स्टांस और खेलने का तरीका ऐसा है, जो सौरव गांगुली की यादें ताजा कर देता है।
लवनिथ सिसौदिया को आईपीएल की चार टीमों ने ट्रायल्स पर बुलाया। इसमें मुंबई इंडियंस, पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स शामिल है। सिसौदिया ने अपनी क्षमता दिखाई जब पंजाब किंग्स के ट्रायल्स में 26 गेंदों में 66 रन की पारी खेली। पंजाब के ट्रायल्स बेंगलुरु के बाहरी इलाके में बनी जस्ट क्रिकेट एकेडमी में हुए थे।
21 साल के लवनिथ सिसौदिया ने हाल ही में संपन्न बीसीसीआई अंडर-25 ट्रॉफी में अपनी बल्लेबाजी का दम दिखाया था, जहां उनका तीसरा सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट था। उन्होंने 12 बाउंड्री और सात छक्के जड़े थे। टूर्नामेंट के पावरप्ले में उनका सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट 231.57 का रिकॉर्ड किया गया था।
लवनिथ सिसौदिया से स्पोर्ट्सकीड़ा ने बातचीत करके उनकी योजना के बारे में जानना चाहा।
सवाल - आईपीएल फ्रेंचाइजी के ट्रायल्स का हिस्सा बनकर कैसा महसूस हुआ?
जवाब - ईमानदारी से कहूं तो उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा। पहले कुछ मैचों में बाहर होने के बाद बीसीसीआई अंडर-25 ट्रॉफी के नॉकआउट चरण में योगदान देने को मिला। यह जानकर अच्छा लगा कि कुछ आईपीएल स्काउट्स ने मेरा ध्यान रखा।
आईपीएल ट्रायल्स में शामिल होने की बात करूं तो मुझे इससे काफी मदद मिली। आईपीएल एरीना में चीजों को समझा। निश्चित है कि नीलामी में जो होगा, उस पर नियंत्रण करना मुश्किल है, लेकिन मेरा मानना है कि ट्रायल्स में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ करके दिखाया।
सवाल - आरएक्स मुरली सर की निगरानी में ट्रेनिंग का अनुभव आपका कैसा रहा?
जवाब - वो जादू हैं। भगवान का आशीर्वाद है कि ऐसे दिग्गज के साथ काम करने को मिल रहा है, जिन्हें खेल के बारे में बहुत कुछ पता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं, इस मैच में काफी मानसिक ताकत शामिल होती है। सलाह लेने के लिए वो आदर्श मेंटर हैं। मेरे बल्लेबाजी करने के तरीके में काफी बदलाव आया है, जिसके लिए जादूगर को धन्यवाद देना चाहूंगा।
कई लोग मुझसे पूछते हैं कि आप रोजाना आरएक्स एकेडमी कैसे चले जाते हो जबकि वो मेरे घर से 23 किमी दूर है। मगर तथ्य यह है कि आपके उनके अंडर में ट्रेनिंग करो तो अच्छा अनुभव मिलता है। अगर मुझे उनसे सीखने को मिले तो 50-60 किमी दूर जाने से भी परहेज नहीं है।
सवाल - महामारी से तीन सीख, जिससे दुनिया रुक गई?
जवाब - महामारी ने हमें कई चीजों की सीख दी है। कोविड-19 के कारण जो कुछ भी हो रहा है, उसमें मैंने सीखा कि ज्यादा धैर्य कैसे रखना है। भले ही स्थिति खतरनाक हो, तथ्य यह है कि हमें थोड़ा क्रिकेट खेलने को मिल रहा है, जो कि आशीर्वाद है।
सवाल- आपके क्रिकेट करियर में आपका सबसे बड़ा लक्ष्य क्या है?
जवाब - मेरा प्रमुख लक्ष्य किसी भी अन्य युवा कि समान नीली जर्सी पहनना है। मैंने हमेशा अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा और उसके लिए मैच जीतना चाहा।