इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच अगले महीने से एशेज सीरीज (Ashes series) की शुरूआत होने वाली है। इससे पहले ही दोनों ही देशों की तरफ से काफी बयानबाजी शुरू हो गई है। खबरों के मुताबिक इंग्लैंड ने एशेज सीरीज के लिए फ्लैट पिचों की मांग की है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज जेसन गेलेस्पी का कहना है कि इससे मेजबान टीम को ही नुकसान उठाना पड़ सकता है। गेलेस्पी के मुताबित फ्लैट ट्रैक पर ऑस्ट्रेलिया की टीम ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 16 जून से एशेज सीरीज की शुरुआत होगी। सीरीज का पहला मुकाबला एजबेस्टन में खेला जायेगा। वहीं आखिरी मुकाबला ओवल में 27 जुलाई से शुरू होगा। एशेज सीरीज में अभी तक दोनों टीमों के बीच अभी तक जितने भी मुकाबले हुए हैं उनमें ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी रहा है। फ़िलहाल एशेज की ट्रॉफी इस वक्त ऑस्ट्रेलिया के पास है, जिन्होंने 2021-22 में इंग्लैंड को 4-0 से हराया था।
बेन स्टोक्स जबसे इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बने हैं, टीम एक अलग अंदाज में खेलती नजर आई है। इंग्लैंड ने टेस्ट मैचों में भी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की है। खबरों के मुताबिक कुछ हफ्ते बेन स्टोक्स ने फ्लैट ट्रैक बनाने की मांग की थी, ताकि वो तेजी से रन बना सकें। इसके अलावा ये भी खबरें आ रही हैं कि इंग्लैंड बाउंड्री को भी छोटी कर देगा ताकि ज्यादा चौके-छक्के लग सकें।
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की हाईट ज्यादा होने से मिल सकता है फायदा - जेसन गेलेस्पी
हालांकि जेसन गेलेस्पी का मानना है कि इससे ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा फायदा हो सकता है। डेली मेल के लिए लिखे अपने कॉलम में उन्होंने कहा,
हमने जो सुना है उसके मुताबिक इंग्लैंड बैटिंग वाली पिचें चाहता है ताकि वो आक्रामक बल्लेबाजी कर सकें। हालांकि मुझे लगता है कि उनकी इस रणनीति से ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा फायदा हो सकता है। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज इस तरह की पिचों पर गेंदबाजी करने में ज्यादा माहिर हैं। जोश हेजलवुड, कैमरन ग्रीन, पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क की हाईट ज्यादा है और इंग्लैंड के गेंदबाजों के मुकाबले ये इस पिच पर बेहतर गेंदबाजी कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास ब्रॉड और रॉबिन्सन के अलावा और कोई लंबी हाईट वाला बॉलर नहीं है।