Player and Mentor for same IPL team: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) दुनिया की सबसे बड़ी टी-20 लीग है और यहां पर खिलाड़ियों के बहुत लंबे कनेक्शन भी बनते हुए देखे गए हैं। कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो पहले इस लीग में खेल चुके हैं और अब कोच के रूप में भी लीग का हिस्सा हैं। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी है जो उन्हीं टीमों के मेंटोर बने हैं जिनसे वह पहले खेल चुके हैं। हालांकि, ऐसे खिलाड़ियों की संख्या बहुत कम है जो एक ही टीम से खेले और फिर उनके मेंटोर बने हैं। एक नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों पर जो उसी टीम के मेंटोर बने जिससे वह आईपीएल में खेल चुके हैं।
#5 केविन पीटरसन
इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के लिए दो सीजन खेल चुके हैं। हालांकि, तब टीम का नाम दिल्ली डेयरडेविल्स हुआ करता था। हाल ही में दिल्ली ने उन्हें अपना मेंटोर बनाया है। 11 साल के बाद उनके दिल्ली की फ्रेंचाइजी में वापसी होगी क्योंकि उन्होंने इस टीम के लिए आखिरी सीजन 2014 में ही खेला था।
#4 वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण ने चार सीजन में कुल 20 आईपीएल मैच खेले। पहले तीन सीजन में वह हैदराबाद की फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स के लिए खेले थे और एक बार चैंपियन भी बने थे। 2011 में अपना आखिरी आईपीएल सीजन खेलने के बाद लक्ष्मण 2013 में सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटोर बने। 2021 तक उन्होंने अपनी इस भूमिका को निभाया और एक बार चैंपियन भी बने।
#3 गौतम गंभीर
कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ गौतम गंभीर का सफर बेहद शानदार रहा और उनकी कप्तानी में टीम दो बार चैंपियन बनी। इसके बाद एक दशक तक टीम चैंपियन बनने के लिए तरसती रही। हालांकि 2024 में उन्होंने गंभीर को अपना मेंटोर बनाया और इसी सीजन वे आईपीएल के चैंपियन बन गए। इस तरह कप्तान के रूप में सफल होने के बाद मेंटोर के रूप में भी गंभीर ने तगड़ी सफलता हासिल की।
#2 शेन वॉर्न
आईपीएल के पहले सीजन में ही राजस्थान रॉयल्स शेन वॉर्न की कप्तानी में ही चैंपियन बनी थी। 2011 तक क्रिकेट खेलने वाले वॉर्न 2018 में राजस्थान के साथ दोबारा जुड़े थे। राजस्थान ने उन्हें अपना मेंटोर बनाया था और वह टीम को प्लेऑफ तक लेकर गए थे। वॉर्न और राजस्थान की फ्रेंचाइजी का रिश्ता बड़ा अच्छा था जिसमें दोनों एक दूसरे की बड़ी इज्जत करते थे।
#1 सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने केवल मुंबई इंडियंस के लिए ही आईपीएल खेला है। 2013 में मुंबई पहली बार चैंपियन बनी थी और यही सचिन के लिए आखिरी आईपीएल सीजन भी साबित हुआ। हालांकि इसके बाद मुंबई ने सचिन को अपना मेंटोर बना लिया।
सचिन के डगआउट में होने का फायदा मुंबई के कई युवा खिलाड़ियों को मिला जिन्होंने काफी कम समय में अच्छी सफलता और लोकप्रियता हासिल कर ली है।